यहां आकर मैंने मकान किराए पर लिया। सारा सामान इकट्ठा किया। सोचा था कि उस नर्क से अब आजादी मिल गई है। मैं सबकुछ छोड़कर आया हूं। यहां लॉन्ग टर्म वीजा के लिए अप्लाई किया है। जब से वापस पाकिस्तान जाने का बोला है, मेरा बेटा बार-बार कहता है कि पापा अब पाकिस्तान नहीं जाएंगे।
ये कहना है रामचंद्र का, जो पाकिस्तान के जैकब आबाद के रहने वाले हैं। सिंधी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रामचंद्र 1 अप्रैल को ही पूरे परिवार के साथ इंदौर आए हैं। उन्हें यहां आए 20-21 दिन ही हुए थे कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई। इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने के आदेश दिए हैं।
रामचंद्र अकेले नहीं हैं, जो इस आदेश से घबराए हुए हैं। इंदौर समेत मध्यप्रदेश में ऐसे कई हिंदू परिवार हैं, जिन्होंने पाकिस्तान छोड़कर भारत में शरण ली है। हालांकि, अब तक इन्हें सरकार या पुलिस की ओर से नोटिस नहीं मिले हैं। वहीं, इंदौर के सांसद शंकर लालवानी कह चुके हैं कि पाकिस्तान से आए हिंदू परिवारों को वापस नहीं भेजा जाएगा। इसके बाद भी इन परिवारों में इस आदेश को लेकर घबराहट है।
पाकिस्तान से भारत आए तीन हिंदू परिवारों की कहानी...
1. हम अपने धर्म को बचाने के लिए आए हैं रामचंद्र ने बताया कि अभी 1 अप्रैल को ही पूरे परिवार के साथ आया हूं। यहां आकर सुकून मिला है और सुरक्षित महसूस कर रहा हूं। उनसे पूछा- पाकिस्तान छोड़ने की वजह? तो रामचंद्र ने कहा- वहां तो हर जगह प्रताड़ना है।
महिलाओं को मंदिर जाने से रोका जाता है। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया जाता है। व्यापार-धंधा सब चौपट है। मैं यहां आ गया हूं, मगर मेरा भाई अभी वहीं पर है। वह भी यहां आने वाला था, लेकिन अब माहौल ऐसा हो गया है कि कुछ दिन तक उसे वहीं पर रुकना होगा।
रामचंद्र भास्कर की टीम को अपने किराए के मकान में ले गए। वहां उनका सात साल का बेटा खेल रहा था और 11 साल की बेटी पेंटिंग कर रही थी। रामचंद्र ने बताया कि जितना हो सका, उतना सामान जुटा लिया। एक दुकान में 15 हजार रुपए महीने की नौकरी भी शुरू कर दी है।
2. घर वापस लौटेंगे या नहीं, ये भरोसा नहीं रहता आकाश लाल भी अपनी 70 साल की मां, मौसी, दो बच्चे और पत्नी के साथ 20 अप्रैल को शॉर्ट टर्म वीजा पर भारत आए हैं। आकाश लाल कहते हैं- वहां हालात ठीक नहीं हैं। कारोबार करने में भी मुश्किल है, इसलिए सबकुछ बेचकर ही हम यहां आए हैं। वहां हमें कोई सुविधाएं नहीं हैं।
आकाश लाल से पूछा कि किस तरह की समस्याएं हैं? तो उन्होंने कहा कि एक नहीं, कई समस्याएं हैं, जैसे महंगाई बहुत ज्यादा है। इस वजह से लूटमार ज्यादा होती है। वहां रहने वाले हिंदू घर में भी सेफ नहीं है। सुबह घर से निकलते हैं तो परिवार को चिंता रहती है कि वापस लौटेंगे या नहीं। बच्चे बाहर जाते हैं तो डर बना रहता है।
आकाश कहते हैं कि हमारे कुछ रिश्तेदार भारत में रहते हैं तो कुछ पाकिस्तान में। मगर, सभी यहीं आना चाहते हैं।
3. सारी प्रॉपर्टी बेच दी है, अब यहीं रहना है मुनेश कुमार भी पाकिस्तान के सिंध प्रांत जैकब आबाद से इंदौर आए हैं। मुनेश कहते हैं- वहां एक दुकान थी। जमा-जमाया कारोबार था, लेकिन उसे बेच दिया। अब यहां नए सिरे से शुरुआत करने आया हूं।
पत्नी और दो बच्चों के साथ भारत आए मुनेश कुमार बताते हैं कि वहां कोई सेफ महसूस नहीं करता। ज्यादा चिंता बच्चों को लेकर होती है। ऐसे माहौल में कौन रहना चाहेगा, जहां कोई भविष्य नजर नहीं आता।
मुनेश बताते हैं कि वहां हमारा मकान भी था, लेकिन उसको बेच दिया है। उनसे पूछा कि यहां क्या करेंगे? तो मुनेश ने कहा कि अभी सोचा नहीं है, लेकिन जल्द ही अपना कामकाज शुरू करेंगे।
सिंधी पंचायत की मांग- जल्द से जल्द मिले लॉन्ग टर्म वीजा इंदौर में जैकब आबाद जिला सिंधी पंचायत समिति माइग्रेट होकर आए सिंधी परिवारों के लिए कई साल से काम कर रही है। पंचायत के पदाधिकारी राजा मंधानी 28 साल पहले पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए थे। वे राजनीति में सक्रिय हैं और विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं।
राजा कहते हैं- परिवार पर धर्मांतरण का दबाव बनाया जा रहा था, इसलिए मैंने पाकिस्तान एयरलाइंस में ऑफिसर का पद छोड़ा और भारत आ गया। समिति पिछले कई साल से पाकिस्तान से माइग्रेट होकर आए प्रवासियों को वीजा और सिटिजनशिप दिलाने में मदद करती है।
समिति के अध्यक्ष डॉ. जय परियानी कहते हैं- कई परिवारों के पास शॉर्ट टर्म वीजा हैं। इनमें से अधिकांश ने विधिवत रेसिडेंट परमिशन (RP) ले रखी है। इन लोगों ने लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) के लिए पहलगाम की घटना से पहले ही प्रोसेस शुरू कर दी थी। हमारी सरकार से यही मांग है कि सरकार जल्द से जल्द इन लोगों को लॉन्ग टर्म वीजा दे।
लॉन्ग टर्म वीजा मान्य और प्रभावी रहेगा विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि पहले से जारी किए गए लॉन्ग टर्म वीजा (एलटीवी) पर वीजा सस्पेंशन के नियम लागू नहीं होंगे। 24 अप्रैल को विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया था कि पाकिस्तानी हिंदू नागरिकों को पहले से जारी एलटीवी वीजा मान्य और प्रभावी बने रहेंगे। इन वीजा को रद्द करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है।
शॉर्ट टर्म वीजा पर आए 14 नागरिक, 9 बच्चे मध्यप्रदेश में शॉर्ट टर्म वीजा पर आए 14 नागरिकों की पहचान की गई है। इनमें 9 बच्चे शामिल हैं। सभी बच्चों की मां हिंदू हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से बच्चों की वापसी को लेकर मार्गदर्शन मांगा है। गृह विभाग के मुताबिक, केंद्र सरकार से निर्देश मिलने के बाद इनकी वापसी को लेकर फैसला लिया जाएगा। बता दें कि अभी प्रदेश में 8486 लोग लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे हैं।
कई लड़कियां शादी के बाद इंदौर आई इंदौर पुलिस ने बताया कि यहां ऐसे तीन लोगों को चिह्नित किया है। पुलिस उन्हें पाकिस्तान भेज रही है। पाकिस्तान से एक भी नागरिक मेडिकल वीजा पर इंदौर नहीं आया है। पुलिस का कहना है कि यहां पाकिस्तान की कई लड़कियां शादी करके आई हैं और इंदौर में ही रह रही हैं। जिनके पास लॉन्ग टर्म वीजा है, उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है।