मई में भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है। IMD के डायरेक्ट मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में लू के दिनों की संख्या सामान्य से चार दिन ज्यादा रहने का अनुमान है।
उधर राजस्थान के बाड़मेर में गर्मी ने अप्रैल का 11 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां बुधवार को दिन का तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इससे पहले 29 अप्रैल 2014 को 46.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ था।
मध्य प्रदेश में मई महीने में तेज गर्मी पड़ने का ट्रेंड है। पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान और उत्तरप्रदेश बॉर्डर से जुड़े जिलों में तापमान 48 डिग्री के पार पहुंच चुका है। इस बार भी ऐसी ही गर्मी पड़ सकती है।
देश में अप्रैल में 72 हीटवेव दिन दर्ज किए गए। राजस्थान और गुजरात में 6 से 11 दिन और पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ में 4 से 6 दिन तक लू चली। आमतौर पर यहां दो से तीन दिन हीटवेव के होते हैं।
हीटवेव के दिन गिनने का अलग तरीका
भारत के लिए साल 2024 सबसे ज्यादा गर्म सालों में से एक रहा था। बीते साल देश में 554 दिन हीट वेव का असर रहा था। साल में 365 दिन होते हैं, लेकिन हीट वेव के लिए इन्हें गिनने का अलग तरीका है। मान लीजिए किसी महीने दिल्ली में 10 दिन, राजस्थान में 15 दिन, UP में 12 दिन और बिहार में 8 दिन हीट वेव रही, तो हीट वेव डे 45 (10+15+12+8) माने जाएंगे।
यानी उस महीने इन चार राज्यों में हीट वेव की कुल घटनाएं 45 हैं, न कि एक महीने में 45 दिन हीट वेव रही। ऐसे ही 2024 में 554 हीट वेव डे से मतलब देश में हीट वेव की कुल घटनाओं से है, न कि कैलेंडर के दिनों से।
किस दिन को माना जाता है हीटवेव
मैदानी, पहाड़ी और तटीय इलाकों के लिए हीटवेव की स्थिति तय करने का आधार अलग होता है। किसी दिन हीटवेव का असर तब माना जाता है जब उस दिनों के मौसम का तापमान सामान्य से 5°C ज्यादा हो या...
अगर तापमान सामान्य से 6.5°C या उससे ज्यादा बढ़ जाए तो उसे गंभीर हीटवेव माना जाता है। IMD ने इस साल देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया है।