दिल्ली की एक अदालत ने NIA को 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के वॉयस और हैंडराइटिंग सैंपल लेने की इजाजत दे दी है। NIA स्पेशल कोर्ट के जज चंद्रजीत सिंह ने यह फैसला दिया।
राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद 10 अप्रैल को स्पेशल प्लेन से भारत लाया गया था। NIA की एक टीम उसे लाने गई थी। प्रत्यर्पण टॉप-सीक्रेट मिशन 'ऑपरेशन राणा' के तहत हुआ था।
भारत लाने के बाद 10 अप्रैल को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में उसे पेश किया गया था। उसके बाद उसे NIA की कस्टडी में भेज दिया गया था। 30 अप्रैल को कोर्ट ने कस्टडी 12 मई तक बढ़ाई थी।
राणा को शिकागो में अक्टूबर 2009 में अमेरिकी एजेंसी FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था।
26 नवंबर, 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने समुद्री मार्ग से मुंबई में घुसने के बाद रेलवे स्टेशन, दो होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया। लगभग 60 घंटे तक चले हमले में 166 लोग मारे गए थे।
पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडा का नागरिक है राणा
64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया। कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली के बचपन का दोस्त है राणा
डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। तहव्वुर उसका बचपन का दोस्त था, जिसने इस हमले को अंजाम देने में उसकी मदद की थी। राणा को पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हेडली की मदद करके और उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर राणा आतंकी संस्था और उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था।
राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है, क्या बात कर रहा है। उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे। तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। राणा को अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। अब तक वह लॉस एंजिलिस के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था।
26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए।