पटना । नीतीश कुमार तीन ‘सी’ क्राइम, करप्शन व कम्यूनिलिज्म से समझौता नहीं करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते हैं। विभिन्न आरोपों की वजह से उनके मंत्रिमंडल में शामिल आधा दर्जन मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा है। अपनी पहली सरकार में ही उन्होंने मंत्री बनाने के 24 घंटे के भीतर जीतनराम मांझी का इस्तीफा लिया। फिर रामानंद सिंह को पद छोड़ना पड़ा। 19 मई 2011 को कोर्ट द्वारा फरार घोषित होने के बाद सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने इस्तीफा दिया। अक्टूबर, 2015 में स्टिंग ऑपरेशन में 4 लाख घूस लेते पकड़ाए निबंधन उत्पाद मंत्री अवधेश कुशवाहा ने इस्तीफा दिया। बालिकागृह कांड के बाद सीबीआई की तलाशी के दौरान ससुराल से कारतूस बरामद होने पर 2018 में तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा से इस्तीफा ले लिया गया। इस कड़ी में महज तीन दिन के मंत्री मेवालाल चौधरी का नाम भी जुड़ गया है। डॉ. मेवालाल चौधरी ने शिक्षा विभाग में पदभार ग्रहण किया। प्रधान सचिव संजय कुमार समेत तमाम आलाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। तब चौधरी ने मीडिया को अपने ऊपर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे तमाम आरोपों को निराधार बताया। वे छठ को लेकर विभाग से ही अपने क्षेत्र तारापुर जाने वाले थे, लेकिन अचानक सीएम आवास इस्तीफा देने चले गए। सूत्रों के मुताबिक उनसे इस्तीफा लिया गया है। मेवालाल चौधरी ने कहा कि उन्होंने खुद इस्तीफा दिया। वह बुधवार को भी मुख्यमंत्री से मिले थे। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक शिक्षा मंत्री डॉ. मेवालाल चौधरी ने महज एक लाइन का इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपा है। उन्होंने लिखा है कि ‘मैं अपने पद से त्याग पत्र देता हूं’। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उनके इस्तीफे पर एक ही वाक्य की अनुशंसा लिखी है-‘मैं इनका त्यागपत्र स्वीकृत करने की अनुशंसा करता हूं’। हालांकि इस्तीफे के कारण की कोई चर्चा इसमें नहीं की गयी है।