नई दिल्ली। गृहमंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी है। केंद्र सरकार बहुचर्चित नागरिकता कानून के नियम तैयार कर रही है। पिछले साल सरकार ने दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन बिधेयक को पास करा लिया था, जिसके अगले दिन 12 दिसंबर को राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर करके इसे अंतिम स्वीकृति दे दी थी। हालांकि अभी तक नियम तैयार करने की प्रक्रिया पूरी न हो पाने से नागरिकता कानून अप्रभावी बना हुआ है। नियम तैयार होने के बाद इसकी अधिसूचना जारी हो जाएगी और देशभर में नागरिकता कानून लागू हो जाएगा। इसी बीच कानून को लेकर पूर्वोत्तर से एकबार फिर विरोध के स्वर उठने लगने लगे हैं जो सरकार की चिंता बढ़ा सकता है।
- भाजपा ने दिए संकेत
भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल में कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम अगले साल जनवरी से लागू होने की संभावना है। केंद्र सरकार और भाजपा पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में शरणार्थी आबादी को नागरिकता देने की इच्छुक है। साथ ही अप्रत्याशित रूप से उन्होंने घोषणा की थी कि संभावना है कि अगले साल जनवरी से सीएए के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करना शुरू हो जाएगा।
- बंगाल और असम चुनाव में मुद्दा
अगले साल पश्चिम बंगाल और असम के विधानसभा चुनाव हैं। इन दोनों राज्यों में शरणार्थियों को नागरिकता देने का मुद्दा अहम रहा है क्योंकि इन दोनों राज्यों की सीमाएं बांग्लादेश से मिलती हैं। ऐसे में विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इन चुनावों से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम को पूरी तरह लागू करा दिया जाएगा।