करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए गुड न्यूज, चुटकियों में फाइल होगा ITR, खटाखट आएगा रिफंड
Updated on
16-10-2024 01:10 PM
नई दिल्ली: इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए ई-फाइलिंग ITR पोर्टल में बड़ा बदलाव होने वाला है। यह टैक्सपेयर्स के लिए अधिक सुविधाजनक होंगे। इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग की तरफ से एक इंटरनल सर्कुलर में ये बात सामने आई है कि एक नया ITR ई-फाइलिंग पोर्टल IEC 3.0 जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इंटरनल सर्कुलर के मुताबिक मौजूदा इंटीग्रेटेड ई-फाइलिंग और सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (IEC) 2.0 का ऑपरेशन फेज खत्म हो रहा है। इसके साथ ही नए प्रोजेक्ट के तौर पर IEC 3.0 इसकी जगह लेगा। आइये इसके बारे में जानते हैं।
क्या है IEC प्रोजेक्ट?
IEC प्रोजेक्ट एक ई-फाइलिंग प्लैटफॉर्म पेश करता है। यह टैक्सपेयर्स को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपना ITR फाइल करने, नियमित फॉर्म जमा करने और कई अन्य सर्विसेज के इस्तेमाल करने की अनुमति देता है। IEC प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) है। यह ई-फाइलिंग पोर्टल और ITBA की मदद से फाइल किए गए ITR को प्रोसेस करने का जिम्मा उठाता है। इसके अलावा, IEC एक बैक-ऑफिस (BO) पोर्टल भी प्रदान करता है। इसके माध्यम से फील्ड अधिकारी टैक्सपेयर फाइलिंग और प्रोसेसिंग डेटा को एक्सेस कर सकते हैं।
IEC 3.0 कैसे करेगा मदद?
इंटरनल सर्कुलर में कहा गया है कि प्रोजेक्ट IEC 3.0 का लक्ष्य सिर्फ प्रोजेक्ट IEC 2.0 द्वारा दी जा रही सर्विसेज को जारी रखना नहीं है। बल्कि एक काफी बेहतर सिस्टम स्थापित करना है। ITR की प्रोसेसिंग में जरूरी सुधार करना है। नए सिस्टम से ITR की प्रोसेसिंग में तेजी लाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाना है, जिससे टैक्सपेयर को जल्दी रिफंड मिल सकता है। इसके अलावा ये IEC 2.0 की कमी और शिकायतों में कमी ला सकता है।
क्या होगा फायदा?
चार्टर्ड अकाउंटेंट आशीष नीरज कहते हैं कि IEC 2.0 से IEC 3.0 में परिवर्तन टैक्सपेयर्स के लिए एक ज्यादा यूजर-फ्रेंडली अनुभव ला सकता है। IEC 3.0 में डेटा क्वॉलिटी की सख्त जांच लागू की जानी चाहिए। IEC 2.0 में पिछले साल टैक्सपेयर्स और पेशेवरों को ITR फॉर्म डाउनलोड करने, 26AS डाउनलोड करने, सर्वर से संबंधित खराबी, चलान पेमेंट में समस्याएं आदि का सामना करना पड़ा था, जिन्हें IEC 3.0 में सुधारा जा सकता है। इंटरनल सर्कुलर में कहा है कि प्रोजेक्ट IEC 3.0 का आने वाले वर्षों में विभाग के कामकाज और आम जनता पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, आयकर विभाग के लिए यह जरूरी है कि वह IEC 3.0 प्रोजेक्ट को यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए राय और सुझाव ले।
क्यों अपग्रेड करना है जरूरी?
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स असोसिएशन, सूरत (CAAS) के अध्यक्ष हार्दिक ककादिया का कहना है कि कोई भी ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म त्योहारों के बिक्री ऑफर के दौरान क्रैश नहीं होता है। दूसरी तरफ ITR ई-फाइलिंग पोर्टल में समस्याएं आती रहती हैं। CAAS की तरफ से गुजरात हाई कोर्ट के सामने आयकर पोर्टल में समस्याओं को लेकर एक याचिका पहले ही दाखिल की गई है। इसलिए अगर समझदारी का इस्तेमाल किया जाता है और पोर्टल को समय पर अपग्रेड किया जाता है, तो न केवल मुश्किलों को रोका जा सकता है, बल्कि कई मुकदमेबाजी से भी बचा जा सकता है।
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