तिरुवनंतपुरम । केरल की एलडीएफ सरकार ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इसे लेकर लाए गए केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी है।
इस अध्यादेश के तहत यदि सोशल मीडिया पर कोई व्यक्ति किसी भी तरह की ऐसी जानकारी भेजता है या बनाता है, जो अपमानजनक है या किसी को अपमानित करने या धमकी देने के इरादे से कोई पोस्ट करता है तो, ऐसे में उस व्यक्ति को पांच साल की जेल की सजा या 10 हजार रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इसे लेकर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि वह केरल सरकार के इस नियम से आश्चर्य में हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर तथाकथित भड़काऊ आपत्तिजनक पोस्ट करने के कारण पांच साल की सजा के नियम से आश्चर्य में हूं।
कांग्रेस के नेता ने रमेश चेन्नीथला समेत कांग्रेस नेताओं के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए जांच एजेंसी को मंजूरी देने के राज्य सरकार के फैसले पर भी आश्चर्य व्यक्त किया है। बता दें कि केरल सरकार ने राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर से कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला और दो पूर्व मंत्रियों के खिलाफ जांच की इजाजत मांगी है। सरकार की तरफ से यह कदम बार रिश्वत मामले में खुलासे के बाद उठाया गया है। हाल ही में शराब कारोबारी बीजू रमेश ने आरोप लगाया था कि उसने पूर्व यूडीएफ सरकार के दौरान कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला, जो उस समय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे, को रिश्वत दी थी। इस मामले में चेन्नीथला के अलावा पूर्व आबकारी मंत्री के बाबू और स्वास्थ्य मंत्री वीएस शिवकुमार का भी नाम सामने आया है।