नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के विरोध में आगामी 14 दिंसबर को देशभर में जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन और मंत्रियों, सांसदों, विधायकों के घेराव के लिए किसान संगठनों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। दिल्ली के सिंघु बार्डर पर डटे किसान नेता शनिवार सुबह से ही ट्रेड-बैक यूनियन, रेल-ट्रांसपोर्ट यूनियन, पेंट्रोल पंप संगठन आदि के पदाधिकारियों से समर्थन जुटाने के लिए निकल गए। इसके अलावा किसान नेताओं के अह्वान पर पंजाब से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्राली, बस, स्कूटर, मोटरसाइकिल व कारों पर सवार होकर दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। लंबी लड़ाई के लिए किसानों ने उक्त वाहनों में महीनों का राशन भर लिया है। क्रांतिकारी किसान यूनियन सहित विभिन्न भारतीय किसान यूनियन के शीर्ष स्तर के नेता सुबह से ही दिल्ली के विभिन्न यूनियन-फेडरेशन के पदाधिकारियों से मिलने निकल गए थे। इसमें प्रमुख रूप से देश की सबसे बड़ी रेलवे की एआईआरएफ-एनएफआईआर के पदाधिकारियों से किसान नेताओं ने मुलाकात कर आंदोलन में समर्थन देने पर चर्चा की। इसी प्रकार सड़क परिवहन क्षेत्र की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया मोटरट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) 14 दिसंबर के आंदोलन के लिए सहयोग मांगा गया। दूसरी ओर 32 किसान संगठनों के नेताओं ने किसानों से दिल्ली बार्डर कूच करने का आह्वान किया है। नेताओं के कहने पर किसान अपने घरों से दिल्ली की ओर निकल पड़े हैं। वाहनों में फसल काटने वाली भीमकाय कंबाइन तक शामिल हैं। सभी वाहनों में किसान सवार हैं और साथ में छह महीने का राशन भरा हुआ है। इसके अलावा स्कूटर, मोटरसाइकिल, मंहगी लक्जरी कारों-जीपों पर भी सवार होकर पंजाब से लोग आ रहे हैं। भाकियू नेता बलबीर सिंह राजेवाल (पंजाब) व गुरुनाम सिंह चढूनी (हरियाणा) ने बताया कि पंजाब, हरियाणा के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों बड़ी संख्या में किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। अकेले पंजाब से आज 700 से अधिक ट्रैक्टर चले हैँ। जबकि हरियाण से 500 ट्रैक्टर दिल्ली पहुंच रहे हैं। सरकार जब तक तीनों कानूनों को रद्द नहीं करेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 14 दिसंबर के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक कर आंदोलन को और अधिक आक्रामक बनाया जाएगा। इसके तहत 19 दिसंबर से अमरण अनशन तक शामिल है।