विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार द्वारा शुरू की गई लाड़ली बहना योजना को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार सवाल उठाता रहा है। लाड़ली बहना योजना की राशि न बढ़ने, नई हितग्राहियों को स्कीम से न जोड़ने और लाड़ली बहनों की संख्या लगातार कम होने को लेकर कांग्रेस मोहन सरकार को घेरती रही है।
विपक्ष के आरोपों के बीच चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई है कि समग्र पोर्टल से लाड़ली बहनों के नाम डिलीट किए जा रहे हैं। साथ ही समग्र पोर्टल से आधार को डीलिंक किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों से लेकर ब्लॉक, स्थानीय निकाय और कलेक्टरों तक इसकी शिकायतें पहुंच रही हैं। दो कलेक्टरों ने हाल ही में एमपी इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी को लेटर लिखकर इसकी जानकारी दी है। दो साल में साढ़े 3 लाख लाड़ली बहना कम हुई हैं।
आगर मालवा में गंभीर शिकायतें आगर मालवा कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी को लेटर लिखा। लेटर में बताया- मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना पोर्टल के तहत हितग्राहियों के नाम समग्र से डिलीट होने और आधार के समग्र से डीलिंक हो जाने के कारण हर महीने मिलने वाली आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही है।
इस संबंध में शिकायतें मिल रहीं हैं। आगर मालवा जिले में 58 महिलाओं के नाम समग्र से डिलीट हुए हैं और 142 महिलाओं के आधार समग्र से डीलिंक दिख रहे हैं।
बैतूल में 169 महिलाओं के नाम हुए डिलीट बैतूल कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने भी इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम को पत्र लिखा है। इस लेटर में उन्होंनें समग्र पोर्टल से लाड़ली बहना योजना की 169 महिलाओं के नाम डिलीट किए जाने की जानकारी दी है।
बैतूल कलेक्टर ने लेटर में लिखा है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत महिलाओं की समग्र आईडी में आ रही समस्या का निराकरण कराया जाए। ताकि महिलाओं को लाड़ली बहना योजना की आर्थिक सहायता राशि दी जा सके।
बैतूल और आगर मालवा जिला कलेक्टरों के लेटर से यह साफ है कि समग्र पोर्टल के डेटाबेस से लाड़ली बहना योजना की हितग्राही महिलाओं के नाम डिलीट हो रहे हैं और समग्र से आधार को डीलिंक किया जा रहा है।