Select Date:

छोटे प्लाट पर अधिकतम निर्माण की छूट नहीं मिलने से अवैध निर्माण बढ़ने की आशंका

Updated on 06-06-2023 06:35 PM
भोपाल । प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 में छोटे प्लाटों पर अधिकतम निर्माण की अनुमति नहीं देने से एक लाख से अधिक संपत्तिधारकों को नुकसान उठाना पड़ेगा। जबकि लंबे समय से छोटे प्लाटों में अधिकतम निर्माण की अनुमति देने की मांग की जा रही है। यदि सरकार पूर्व में दिए गए सुझावों पर अमल करती तो मास्टर प्लान में विसंगतियां नहीं होतीं। हालांकि एक बार फिर मास्टर प्लान को लेकर दावे-आपत्तियों का आना शुरू हो गया है।

आर्किटेक्ट एवं टाउन प्लानर सुयश कुलश्रेष्ठ ने बताया कि मास्टर प्लान 2005 के अनुसार 15 बाय 30 के छोटे प्लाट पर निर्माण के दौरान भी घर के सामने 10 फीट खाली जगह छोड़ना अनिवार्य है। हालांकि इसका पालन कम ही लोग करते हैं। इसमें संशोधन के लिए आपत्ति भी लगाई गई, लेकिन प्रस्तावित मास्टर प्लान में कोई संशोधन नहीं किया गया। इससे छोटे प्लाटों पर अवैध निर्माण बढ़ेंगे। वहीं वर्टिकल या हाईराइज बिल्डिंग के निर्माण से मौजूदा आधारभूत संरचना पर बोझ बढ़ेगा।

एफएआर बढ़ने से अनियंत्रित होगा विकास

एमपी नगर जैसे व्यावसायिक क्षेत्रों में पहले से ही लोग अधिक एफएआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। उदाहरण के लिए 2400 वर्गफीट के प्लाट पर 20 लोग रह सकते हैं, लेकिन इतने बड़े भूखंड में होटल और हास्टल संचालित हो रहे हैं। इनमें 80 से 100 लोग रहते हैं। जबकि एमपी नगर में जो पानी और सीवेज की पाइप लाइन बिछाई गई है, वो 30 वर्ष पहले बिछाई गई थी। तब यह उस समय की जनसंख्या के लिए पर्याप्त थी, लेकिन अब दबाव बढ़ रहा है। इसी प्रकार एफएआर बढ़ने से पार्किंग भी अधिक चाहिए, लेकिन इसकी पहले से ही कमी है।

रातीबड़ और नीलबड़ को लो डेंसिटी करना गलत

रातीबड़ और नीलबड़ जैसे क्षेत्रों को मास्टर प्लान 2005 की तरह लो डेंसिटी या कम घनत्व वाले क्षेत्रों में शामिल किया गया है। यहां सरकार ने कृषि भूमि मानी है। जबकि यहां सिक्सलेन के साथ अन्य आधारभूत सुविधाओं का विकास हो रहा है। यहां कमर्शियल काम्प्लेक्स बन गए हैं। ऐसे में इस क्षेत्र को लो डेंसिटी में रखना गलत है।

मास्टर प्लान में बाघ भ्रमण क्षेत्र और बड़े तालाब के संरक्षण को लेकर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसको लेकर जो भी आपत्तियां थी, मान ली गई हैं। अन्य मामलों में संशोधन की आवश्यकता है।

- कमल राठी, टाउन प्लानर

व्यावसायिक क्षेत्रों में एफएआर बढ़ाने से इंफ्रास्टक्चर पर दवाब बढ़ेगा। इंदौर रोड और रातीबड़ समेत अन्य क्षेत्रों को लो डेंसिटी में शामिल करना गलत है। अब इसको व्यवसायिक क्षेत्र में शामिल करना चाहिए।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 01 May 2025
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के डेंटल विभाग के डॉक्टरों ने एक खास मोबाइल ऐप तैयार किया है। यह ऐप मुंह के कैंसर के शुरुआती और एडवांस लक्षणों की…
 01 May 2025
नगर निगम का मुख्यालय बनते ही उसमें नगर निगम के सभी ऑफिस शिफ्ट हो जाएंगे। इसके बाद नगर निगम आईएसबीटी का परिषद हॉल समेत सभी भवनों को किराए पर देगा।…
 01 May 2025
मध्यप्रदेश में वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम समाज ने बुधवार रात 9 से 9.30 बजे तक सांकेतिक विरोध दर्ज कराया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तहफ्फुज-ए-औकाफ की अपील पर…
 01 May 2025
छतरपुर में मुस्लिम युवक ने हिंदू बनकर शादीशुदा महिला को प्रेमजाल में फंसाया। उसका तलाक कराने के बाद मंदिर में शादी की। असलियत सामने आने के बाद महिला से कहा…
 01 May 2025
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से मुखातिब हुए। मीडिया से चर्चा की शुरुआत करते हुए पूर्व सीएम ने सबसे पहले प्रदेश प्रवक्ता…
 01 May 2025
प्रदेश में आज से 30 मई तक तबादलों का मौसम एक्टिव रहेगा। राजधानी भोपाल और जिला मुख्यालयों में तबादले का इंतजार कर रहे अधिकारी-कर्मचारी ऑनलाइन और आफ लाइन आवेदन के…
 01 May 2025
हज यात्रा 2025 के तहत बुधवार को राजधानी भोपाल से दूसरी फ्लाइट सऊदी अरब के मक्का के लिए रवाना हुई। इस फ्लाइट से कुल 110 हाजी रवाना हुए।जानकारी के अनुसार,…
 01 May 2025
भोपाल में हिंदू छात्राओं से रेप कर वीडियो बनाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपी फरहान छात्राओं के वीडियो पोर्न साइट्स पर बेचने की तैयारी में था। यह…
 01 May 2025
मुंह के कैंसर की समय रहते पहचान अब और आसान होगी। एम्स भोपाल ने एक ऐसा मोबाइल ऐप विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, जो केवल कुछ मिनटों…
Advertisement