नई दिल्ली । लगभग 10 दिन बाद सोमवार को कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों में गिरावट दर्ज की गई और यह 7000 कम होकर 4,38,549 पर पहुंच गए। इसके पहले ठीक होने वाले मरीजों की संख्या और नए संक्रमित मरीजों की संख्या का अंतर कम था। दुनिया भर के देशों में ठंड के कारण कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है लेकिन भारत में फिलहाल विस्फोटक स्थिति नहीं है। जिन 10 राज्यों में नए कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अधिक आ रही थी उनमें भी सोमवार को थोड़ी राहत मिली। हालांकि इसका कारण संभवतः यह है कि रविवार को टेस्ट कम होते हैं।
बहराल कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, असम, पंजाब जैसे राज्यों में नए मरीजों की संख्या में कमी से थोड़ी राहत मिली है। इन राज्यों में पहले 1000 से अधिक मरीज प्रतिदिन मिल रहे थे, लेकिन अब यह संख्या कर्नाटक को छोड़कर बाकी राज्यों में 600 से नीचे है। कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में दूसरे नंबर पर चल रहे कर्नाटक में सोमवार को 998 नए मरीज ही मिले। इसके मुकाबले ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2209 थी। आंध्रप्रदेश में भी 381 मरीज ही मिले। जबकि 934 मरीज ठीक हुए। ओडिशा में कभी बड़ी संख्या में मरीज मिलते थे, लेकिन सोमवार को कुल 418 मरीज मिले। जिसके मुकाबले 809 मरीज ठीक हुए। तेलंगाना में भी 594 मरीज मिले और 1058 मरीज ठीक हुए। नए मरीजों के मुकाबले ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में अधिकता एक अच्छा संकेत है।
सोमवार को महाराष्ट्र में 3837, तमिलनाडु में 1410, केरल में 3382, उत्तरप्रदेश में 2015, पश्चिम बंगाल में 2671, राजस्थान में 2677, हरियाणा में 1604, गुजरात में 1502, मध्यप्रदेश में 1383 नए संक्रमित मरीज मिले। दिल्ली और छत्तीसगढ़ में भी बड़ी संख्या में नए संक्रमित मरीज मिले हैं। दिल्ली की स्थिति अभी भी चिंतनीय बनी हुई है क्योंकि सक्रिय मरीजों की संख्या के लिहाज से दिल्ली महाराष्ट्र और केरल के बाद तीसरे नंबर पर है। कोरोना वैक्सीन को लेकर अनेक सकारात्मक खबरें मिल रही हैं। लेकिन जुलाई के अंत तक यह वैक्सीन आम जनता तक उपलब्ध नहीं हो पाएगा। इस दौरान कोरोना के संक्रमण में उतार - चढ़ाव देखा जा सकता है। सरकार का जोर इस वायरस के फैलाव को लेकर सतर्कता और कोविड-19 प्रोटोकॉल को पालन कराने पर है। स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि भारत में अन्य देशों के मुकाबले स्थिति चिंताजनक नहीं है।