इंदौर/भोपाल । इंदौर में बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करने का मामला तूल पकड़ गया है। सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया है। जोन-3 के डीसीपी धर्मेंद्रसिंह भदौरिया को हटा दिया है। पलासिया थाने के टीआई संजयसिंह बैस को लाइन अटैच करने के आदेश दिए हैं। डीसीपी को सेनानी (आरएपीटीसी) बनाया है। गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने घोषणा की है कि घटनाक्रम की एडीजी स्तर के अफसर से जांच करवाई जाएगी। पुलिस मुख्यालय ने एसटीएफ एडीजी विपिन माहेश्वरी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। वे जांच करने शुक्रवार रात इंदौर पहुंच गए। इधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करने वाले दोषी अधिकारी नहीं बचेंगे।
मालूम हो कि विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल कार्यकर्ता गुरुवार रात नशाखोरी के विरोध में एवं कार्यकर्ता पर दर्ज प्रकरण वापस लेने की मांग को लेकर पलासिया चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे थे। वे पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर को ज्ञापन देना चाहते थे। उन्होंने आयुक्त को बुलाने की जिद की और नारेबाजी कर चौराहे पर आए गए। जोन-3 के डीसीपी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया ने मामले को सुलझाने का प्रयास किया, इस पर झूमाझटकी हो गई। इसके बाद पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए लाठीचार्ज कर दिया।
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के मामले में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़ा रुख अपनाया है। परिषद के प्रांत मंत्री सोहन विश्वकर्मा ने घटना पर चुप्पी साधने वाले भाजपा नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अभी नेता चुप हैं तो कार्यकर्ता भी सब देख रहा है। चुनाव आएंगे तो कार्यकर्ता भी चुप्पी साध लेगा। उन्होंने चेतावनी देकर कहा कि लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पांच थानों के पुलिस अधिकारियों को 48 घंटों में निलंबित नहीं किया गया तो मालवा प्रांत में उग्र आंदोलन होगा।
पार्टी नेताओं ने लाठीचार्ज की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से की थी। सीएम ने इंदौर के नेताओं से बातचीत की और डीसीपी के खिलाफ आक्रोश को देखते हुए भदौरिया को हटाने का आदेश जारी करने का निर्देश दिया। उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज हुआ है। इस बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज के जो भी दोषी अधिकारी होंगे, वे नहीं बचेंगे। गृहमंत्री ने कहा कि मामले पर संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी से सभी पहलुओं पर जांच कराई जाएगी।
घटना की शुरुआत ही पुलिस की लापरवाही से हुई। बजरंग दल विभाग संयोजक तन्नू शर्मा की घोषणा के बाद भी न अफसर गंभीर हुए, न प्रदर्शनकारियों को समझ पाए। पदाधिकारियों की शुरुआत में ही टीआइ संजयसिंह बैस से बहस हो गई। सीपी को बुलाने की जिद करने पर टीआई ने फटकारते हुए कहा कि ऐसा करोगे तो आगे भी केस दर्ज होंगे। गुस्साए कार्यकर्ता पलासिया चौराहे पर एकत्र हो गए। चौराहा बंधक बनाए जाने पर बल बुलाया गया। चारों तरफ जाम लगने पर टीआई कमलेश शर्मा, तहजीब काजी ने प्रमुख पदाधिकारियों को समझाया तो लगभग बात बन गई। तय हुआ कि सभी को बीआरटीएस लेन से बसों द्वारा रवाना किया जाएगा। सात बसें खड़ी कर दी गईं। कार्यकर्ता बसों में बैठने लगे। कुछ लोग बस के आगे बैठ गए। टीआई उन्हें भी समझा रहे थे कि संयोगितागंज एसीपी पूर्ति तिवारी ने सख्ती शुरू कर दी। गहमागहमी के बीच डीसीपी से धक्का-मुक्की हो गई और पुलिसवाले डंडे लेकर टूट पड़े। 11 लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने खुद का बचाव करते हुए मारपीट की एफआइआर दर्ज करवाई। आरोप लगाया कि पथराव में पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 56 दुकान पर भी प्रधान आरक्षक संदीप और सत्यनारायण को घायल किया है।