नई दिल्ली । पॉप्युलर विडियो शेयरिंग प्लैटफॉर्म यूट्यूब की पॉलिसी में एक बड़ा बदलाव किया गया है। अब कई क्रिएटर्स के विडियोज पर ऐड दिखाए जाने के बावजूद उन्हें पैसे नहीं दिए जाएंगे। क्रिएटर्स के लिए यह एक बुरी खबर हो सकती है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नए मॉनेटाइजेशन रूल्स के हिसाब से अगर क्रिएटर यूट्यूब के पार्टनर प्रोग्राम का हिस्सा नहीं है, फिर भी उसके विडियो पर ऐड दिखाए जा सकते हैं।
यूट्यूब की ओर से प्लैटफॉर्म के टर्म्स ऑफ सर्विसेज को अपडेट किया गया है। अब तक किसी भी यूट्यूब विडियो पर ऐड दिखते थे, तो उसके क्रिएटर को बदले में पैसे दिए जाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यानी कि अब किसी विडियो पर ऐड दिखने का मतलब क्रिएटर को पैसे मिलने की गारंटी नहीं है। नए अपडेट का असर उन छोटे क्रिएटर्स पर पड़ेगा जिनके विडियोज खूब देखे जाते हैं। यूट्यूब ने ऑफिशल स्टेटमेंट में कहा, 'आज से शुरू करते हुए हम धीरे-धीरे उन चैनल्स के कुछ विडियोज पर भी ऐड दिखाएंगे जो वायपीपी (यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम) का हिस्सा नहीं हैं। इसका मतलब है कि अगर आप वायपीपी (यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम) में शामिल क्रिएटर नहीं हैं, तब भी आपके विडियोज पर ऐड्स दिख सकते हैं।'
यूट्यूब का कहना है कि प्रोग्राम का हिस्सा ना होने के चलते क्रिएटर्स को तब तक ऐड का रेवन्यू नहीं मिलेगा, जबतक वे रिक्यॉरमेंट को पूरा करते हुए अपना चैनल मॉनिटाइज नहीं करते। दरअसल, यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए क्रिएटर के कम से कम 1000 सबस्क्राइबर्स होने चाहिए और 12 महीने के अंदर 4000 घंटे का वॉचटाइम उसके विडियोज पर होना चाहिए। कंपनी की ओर से नए टर्म्स ऑफ सर्विसेज यूनाइटेड स्टेट्स में रोलआउट किए गए हैं लेकिन दुनियाभर के बाकी मार्केट्स में भी अगले साल के आखिर तक ये शर्तें लागू हो जाएंगी।