नई दिल्ली । रोहित तिवारी मर्डर केस की आरोपी रोहित की पत्नी अपूर्वा शुक्ला की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि जमानत देने पर आरोपी सबूतों को प्रभावित कर सकता है। इस वजह से जमानत देना ठीक नहीं होगी। कांग्रेस के दिवंगत नेता एनडी तिवारी के बेटे रोहित तिवारी की पिछले साल संदेहास्पद परिस्थिति में मौत हो गई थी। रोहित तिवारी की पत्नी अपूर्वा शुक्ला पर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया गया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि जमानत याचिका पर विचार करने से पहले आरोपी का स्टेट्स देखना जरूरी है। याचिकाकर्ता मृतक की पत्नी रही हैं और परिवार से संबंधित है। ऐसे में अभी कई गवाहों से सवाल होने बाकी हैं, अगर बेल दी जाती है तो उन्हें प्रभावित किया जा सकता है। अदालत ने कहा सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, अपूर्वा शुक्ला ही उस फ्लोर पर आखिरी व्यक्ति दिखी थीं, जहां रोहित तिवारी की मौत हुई। ऐसे में उनपर शक है। उन्हें ऐसे अवसर नहीं दिए जा सकते जिसमें वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकें।
अपूर्वा शुक्ला पर मर्डर का चार्ज लगा है, जबकि उनके वकील द्वारा यही तर्क दिया गया था कि अधिकतर गवाहों से सवाल हो चुके हैं, ऐसे में बेल दे दी जाए। अपूर्वा शुक्ला के वकील ने अदालत में कहा कि अबतक 11 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है, जो परिवार से संबंधित हैं। ऐसे में अब कोई ऐसा गवाह नहीं बचा है, जिसे आरोपी प्रभावित कर सके। जबकि पुलिस की ओर से अदालत में कहा गया कि अपूर्वा की ओर से पुलिस को रोहित की मौत के तुरंत बाद कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
ज्ञात हो कि रोहित तिवारी की हत्या पिछले साल 15-16 अप्रैल की दरम्यानी रात को की गई थी। तब सामने आया था कि 16 अप्रैल को रोहित और अपूर्वा में मारपीट हुई थी। इसी दौरान अपूर्वा ने रोहित को मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस के मुताबिक एक महिला के साथ शराब पीने को लेकर रोहित और अपूर्वा में बहस हुई थी।