हरिद्वार । कोरोना का असर 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले पर भी रहेगा। महामारी के कारण मेले में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लाखों लोगों को स्नान कराने के लिए पहली बार सामान्य घाटों के साथ प्राकृतिक घाटों का भी इस्तेमाल होगा। अस्थायी रूप से प्लास्टिक से इन घाटों को शेप दिया जाएगा। मेले में तीन बड़े कोविड केयर सेंटर भी बनाए जाएंगे। अस्थायी घाटों पर सुरक्षा के लिए डीप वॉटर बेरिकेडिंग होगी। प्रत्येक बेरिकेडिंग चार मीटर के दायरे में होगी। इनमें पानी का स्तर चार फीट से ज्यादा नहीं रहेगा, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रहकर आसानी से स्नान कर सकें। वहीं, मेला क्षेत्र को आपस में जोडऩे के लिए इस बार तीन जगहों पर सिर्फ पांच अस्थायी लिंक ब्रिज बनाए जाएंगे। पिछले कुंभ मेले में 18 जगह पर 32 पुल बनाए गए थे।
जनवरी तक बन जाएंगे अस्थायी पुल
मेले में बनने वाले अस्थायी पुल मेला क्षेत्र की मुख्य पार्किंगों को अलग-अलग स्थानों से जोडऩे के लिए बनाए जाते हैं। अब दो मोटर पुल बैरागी कैंप से गौरीशंकर को जोडऩे के लिए बनेंगे और दो पुल नीलधारा से चंडीघाट को जोडऩे के लिए। चंडी देवी रोपवे के पास से गौरीशंकर को जोडऩे के लिए पैदल पुल बनाया जाएगा। सभी पुल जनवरी तक बना लिए जाएंगे।
मेले में तंबू भी सीमित संख्या में लगेंगे
कुंभ का प्रमुख आकर्षण सैकड़ों वर्गमीटर में लगे तंबूओं में लगे कैंप्स का रहता है। इनमें अखाड़ों के साथ यात्री रुकते हैं। वहीं प्रशासन, पुलिस, अस्पताल और वीआईपी के लिए भी तंबू भी बनाए जाते हैं। लेकिन, इस बार कोरोना के चलते तंबू सीमित संख्या में लगेंगे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज के अनुसार, पहले उत्तराखंड सरकार तंबुओं के लिए राजी नहीं थी, लेकिन अब सहमति बन गई है।