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संविधान: ‘‘हत्या‘‘ और ‘‘बचाव‘‘ की गर्माती राजनीति

Updated on 14-07-2024 03:52 PM
  2024 के लोकसभा चुनाव में संविधान बचाओ के नारे पर इंडिया गठबंधन को अच्छी-खासी सफलता मिली जबकि 2014 के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा बहुमत से  पीछे रह गयी, हालांकि सहयोगियों के साथ मिलकर उसने अपनी सरकार बना ली। राहुल गांधी, अखिलेश यादव सहित इंडिया गठबंधन के लोगों ने न केवल संविधान हाथ में लेकर लोकसभा की सदस्यता की शपथ ली बल्कि वे अभी भी इसे एक मुद्दा बनाये हुए हैं। अब इस मुद्दे पर पलटवार की बारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की ओर से सामने आई है, जब गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर 25 जून को हर वर्ष ‘संविधान हत्या दिवस‘ मनाने की घोषणा कर दी। इसके जवाब में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने अपनी तरफ से सरकार को आइना दिखाने का प्रयास करते हुए कौन से दिवस मनाना चाहिये इसकी लम्बी-चौड़ी फेहरिस्त जारी कर दी। गृहमंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय की अधिसूचना को एक्स पर साझा करते हुए कहा कि आपातकाल के अमानवीय दर्द झेलने वालों का स्मरण ‘संविधान हत्या दिवस‘ करायेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संविधान हत्या दिवस घोषित करने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि संविधान के साथ हत्या शब्द जोड़ना उनकी संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। मोदी सरकार ने पिछले दस वर्षों के कार्यकाल में हर दिन संविधान हत्या दिवस ही मनाया है। प्रधानमंत्री के वैचारिक परिवार ने नवम्बर 1949 में भारत के संविधान को खारिज कर दिया था।
     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने शुक्रवार 12 जुलाई 2024 को एक बड़ा राजनीतिक धमाका करते हुए 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस‘ घोषित कर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर का सियासी फायदा उठाते हुए मोदी सरकार ने यह कदम उठाया। इस कदम में आखिर निहितार्थ क्या हैं यह तलाशे जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में यह माना जा रहा है कि जिस तरह से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई करने वाले इंडिया गठबंधन ने मोदी सरकार के खिलाफ ‘संविधान बचाओ‘ नारे को उछाला इस पर यह सत्तापक्ष का एक पलटवार माना जा सकता है। अब हर साल ‘संविधान हत्या दिवस‘ के बहाने भाजपा नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन आपातकाल की याद दिलाकर जनता को तत्कालीन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के रवैये की याद दिलायेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस देशवासियों को यह याद दिलायेगा कि संविधान को कुचले जाने के बाद देश को कैसे हालातों से गुजरना पड़ा था। यह दिन उन सभी लोगों को नमन करने का भी है जिन्होंने आपातकाल की पीड़ा झेली। देश कांग्रेस के इस कदम को इतिहास के काले अध्याय के रुप में याद रखेगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भरोसा है कि संविधान हत्या दिवस प्रत्येक भारतीय में लोकतंत्र की रक्षा व व्यक्तिगत स्वतंत्रता की ज्योति को जीवित रखने का काम करेगा ताकि कांग्रेस जैसी कोई तानाशाही मानसिकता इसकी पुनरावृत्ति न कर पाये। इसका उद्देश्य  उन लोगों का सम्मान करना है जिन्होंने लोकतंत्र को पुर्नजीवित करने के लिए संघर्ष किया।      कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सुर्खियां बटोरने की यह एक और कवायद की गयी है, जबकि उन्होंने 4 जून 2024 को व्यक्तिगत राजनीतिक और नैतिक हार सुनिश्चित किये जाने से पहले 10 वर्षों तक अघोषित आपातकाल लगाया था। प्रधानमंत्री के वैचारिक परिवार ने नवम्बर 1949 में ही भारत के संविधान को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह मनु स्मृति से प्रेरणा नहीं लेता है। यह एक ऐसे नान-बायोलाजिकल प्रधानमंत्री हैं जिनके लिए डेमोक्रेसी का मतलब डेमोकुर्सी है।
     समाजवादी पार्टी सुप्रीमो और लोकसभा में सपा सांसदों के नेता
अखिलेश यादव ने एक्स पर भाजपा से कुछ सवाल पूछते हुए तंज किया कि 30 जनवरी को ‘बापू हत्या दिवस व लोकतंत्र हत्या दिवस‘ संयुक्त दिवस के रुप में मनाया जाना चाहिये क्योंकि इसी दिन चंडीगढ़ में भाजपा ने मेयर के चुनाव में धांधली की थी। उन्होंने भाजपा से सवाल पूछा है कि मणिपुर में नारी के ‘मान-अपमान हत्या दिवस‘, हाथरस की ‘बेटी हत्या दिवस‘, लखीमपुर में ‘किसान हत्या दिवस‘ और कानपुर देहात में ‘मॉ-बेटी हत्या दिवस‘, तीन काले कानून से ‘कृषि हत्या दिवस‘, पेपर लीक करके हुए ‘परीक्षा प्रणाली हत्या दिवस‘, अग्निवीर योजना से हुए ‘सामान्य सैन्य भर्ती दिवस‘ बेरोजगारी से हुए ‘सपनों के हत्या दिवस‘, बढ़ती महंगाई से हुए आम परिवारों के ‘भविष्य के हत्या दिवस‘, यश भारती जैसे पुरस्कार बन्द करने से हुए ‘हुनर सम्मान हत्या दिवस‘ के साथ ही उन्होंने ‘सामाजिक न्याय हत्या दिवस‘, ‘आरक्षण हत्या दिवस‘, ‘पुरानी पेंशन हत्या दिवस‘ और संदेहास्पद हो गयी ईवीएम न हटाकर ‘वैलेट पेपर हत्या दिवस‘ जैसे भाजपा राज में आये अनेकों काले दिनों के लिए कौन-सी तिथि चुनी जाए।
राहुल की पार्टी नेताओं को सीख
      पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कभी भी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनके परिवार पर हमला करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दिया, वे इस परिवार को लेकर हमेशा आक्रामक मुद्रा में नजर आती थीं। लोकसभा चुनाव 2024 में अमेठी से हारने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया और गुरुवार 11 जुलाई 2024 को अधिकारियों ने इसके बारे में जानकारी दी। सरकारी आवास खाली करने के बाद लोग स्मृति ईरानी पर सोशल मीडिया में निशाना साध रहे थे, लेकिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी के बचाव में ट्वीट किया कि जीवन में हार-जीत लगी रहती है, मैं सभी से अपील करता हूं कि वे स्मृति ईरानी या किसी अन्य नेता के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल और बुरा बर्ताव करने से बचें। राहुल ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि लोगों को नीचा दिखाना और अपमान करना कमजोरी की निशानी है ताकत की नहीं। इसके उलट भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने लिखा कि यह अब तक का सबसे कपटपूर्ण मैसेज है, कांग्रेस नेताओं को भेड़ियों के झुंड की तरह उस महिला के पीछे छोड़ दिया गया था।
और यह भी
       मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शिवराज सिंह चौहान सरकार का वह फैसला पलट दिया है जिसके तहत इंदौर में 24 घंटे बाजार खुलने थे।मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने पूर्व में जारी आदेश निरस्त कर दिया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर इंदौर में रात्रिकालीन बाजार एवं व्यवसायिक संस्थानों के संचालन में नई व्यवस्था लागू होगी। इस संबंध में शीघ्र ही नई कार्ययोजना बनाकर बाजार एवं व्यवसायिक संस्थाओं का संचालन रात्रि में होगा। कलेक्टर आषीश सिंह ने पूर्व में इंदौर शहर में निरंजनपुर चौराहे से राजीव गांधी चौराहे तक, बीआरटीएस कारीडोर में विभिन्न व्यवसायिक, औद्योगिक, कार्यालय आदि संस्थानों के लिए 24 घंटे संचालन संबंधी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। यह आदेश दो साल पहले जारी किया गया था। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो  कांफ्रेंसिंग के जरिये इंदौर संभाग के मंत्रियों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ड्रग के अवैध कारोबार पर प्रभावी रोक लगाने और इंदौर में रात्रिकालीन बाजार एवं व्यवसायिक संस्थानों के संचालन के संबंध में नई व्यवस्था लागू करने के संबंध में विषय रखा था। मुख्यमंत्री ने तत्काल निर्देश दिये कि इंदौर में शीघ्र ही विस्तृत कार्ययोजना बनाकर रात्रिकालीन बाजार, औद्योगिक संस्थान, कार्यालय संचालन आदि के संबंध में नई व्यवस्था लागू की जायेगी। ड्रग के अवैध कारोबार पर भी प्रभावी रुप से रोक लगाई जायेगी। बड़े दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई भी होगी।

-अरुण पटेल
-लेखक, संपादक 

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