नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद पार्टी को कुछ राहत मिली है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी कुछ हद तक कम करने में सफल रहीं, वहीं, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी भरोसा दिलाया कि वह वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते हैं, पर युवा नेताओं को भी पार्टी के संगठन में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अशोक गहलोत और अंबिका सोनी ने राहुल गांधी से पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने की मांग की। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी जो भूमिका तय करेगी, उसे निभाने के तैयार हैं। पर साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव तय करेंगे कि पार्टी का नया अध्यक्ष कौन होगा। असंतुष्ट नेताओं की तरफ से पार्टी में युवा बनाम वरिष्ठ का मुद्दा उठाने पर राहुल गांधी ने कहा कि वह वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते हैं। पर साथ ही हमें युवाओं के लिए जगह बनानी होगी। पार्टी के एक नेता के मुताबिक पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि परिवार में बैठ कर बात की जाती है, पत्र नहीं लिखे जाते हैं। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के बेहतर आंतरिक संवाद पर जोर दिए जाने के बाद आनंद शर्मा ने कहा कि सभी अहम मुद्दों पर पार्टी नेताओं को कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक स्वर में बोलना चाहिए। बैठक में असंतुष्ट नेताओं ने बैठक बुलाने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का धन्यवाद दिया। पार्टी नेता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल मनीष तिवारी ने चिंतन शिविर लगाने का सुझाव दिया, पार्टी अध्यक्ष ने फौरन उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। मनीष तिवारी ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव का रोडमैप तैयार कर भाजपा के दुष्प्रचार का जवाब देने का भी सुझाव दिया। गुलाम नबी आजाद ने नए सिरे से संगठन तैयार करने पर जोर देते हुए राज्यों के प्रभारियों को राज्यो में ज्यादा वक्त देने का सुझाव दिया। वहीं पृथ्वीराज चव्हाण का कहना था कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्लूसी ) और प्रदेश समितियों के चुनाव कराए जाने चाहिए। इसके साथ आजाद ने रणदीप सुरजेवाला का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा। सुरजेवाला के मीडिया में दिए बयान का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि अगर सभी मुद्दे सुलझा लिए गए हैं, यह बात सच है तो हम पांच घंटे से चर्चा क्यों कर रहे हैं। सोनिया गांधी की बैठक में असंतुष्ट नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, भूपेंद्र सिंह हूडा, पृथ्वीराज चव्हाण और विवेक तनखा शामिल थे। कपिल सिब्बल बैठक में हिस्सा नहीं ले सके, क्योंकि शनिवार सुबह वह विदेश चले गए। पार्टी के एक नेता ने कहा कि सिब्बल ने पार्टी अध्यक्ष तक अपनी बात पहुंचा दी थी।