नई दिल्ली । असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपनी विधायक अंजता नियोग को पार्टी संगठन के एक महत्वपूर्ण पद से हटा दिया है। नियोग ने दो दिन पहले मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन के संयोजक हिमंत बिस्व सरमा से मुलाकात की थी। यह कदम उन अटकलों के बीच उठाया गया है कि गोलाघाट से चार बार की विधायक और राज्य की पूर्व मंत्री भाजपा में शामिल हो सकती हैं। पार्टी की राज्य इकाई द्वारा रात जारी एक आदेश के अनुसार नियोग को गोलाघाट की जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। दो लाइन के आदेश में उन्हें पद से हटाए जाने का कोई कारण बताए बिना कहा गया है, इस फैसले को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अनुमोदन प्राप्त है। जब असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संगठन) रंजन बोरा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। ऊपरी असम में एक मजबूत नेता के रूप में पहचान रखने वाली नियोग के केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य की यात्रा के दौरान 26 या 27 दिसम्बर को भाजपा में शामिल होने की संभावना है। नियोग ने सरमा की उपस्थिति में सोनोवाल से उनके आधिकारिक आवास पर एक बैठक की थी। कांग्रेस विधायक ने हालांकि कहा था कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता से मुलाकात की थी। सूत्रों ने बताया कि विधायक के साथ गोलाघाट विधानसभा सीट के कई ब्लॉक अध्यक्षों समेत कांग्रेस के लगभग 100 कार्यकर्ताओं के भी भाजपा में शामिल होने की संभावना है।असम में अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मौजूदा 126 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 60 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि उसके सहयोगियों असम गण परिषद (एजीपी) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के क्रमश: 14 और 12 विधायक हैं। राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन को एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन हासिल है। कांग्रेस के इस समय 22 विधायक हैं, जबकि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के 14 विधायक हैं।