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आपके दांतों को चमकाने वाला कोलगेट, कभी सड़कों पर बेचते थे कैंडल-साबुन, कैसे बना नंबर-1 टूथपेस्ट ब्रांड

Updated on 02-09-2023 03:05 PM
नई दिल्ली: इसके बिना आपका दिन अधूरा है, अधूरा क्या, आपके दिन की शुरुआत ही इसके साथ होती है। आपको ताजगी का अहसास देने वाला, आपके मुस्कान को बनाए रखने वाला कोलगेट। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कोलगेट जिसकी शुरुआत 217 साल पहले हुई थी साबुन और मोमबत्ती बेचने का काम करता था। कोलगेट की शुरुआत टूथपेस्ट नहीं, बल्कि साबुन और मोमबत्ती के साथ हुई। सड़कों पर कैंडल , साबुन और परफ्यूम बेचते-बेचते विलियम कोलगेट ने एक ऐसा प्रोडक्ट बनाया, जो आज विदेशी होकर भी आपके देसी लगता है। आज कहानी इसी कोलगेट की।

​कैंडल-साबुन बेचने वाला कैसे बना टूथपेस्ट ब्रांड​

साल 1783 में इंग्लैंड में विलियम कोलगेट का जन्म हुआ। उन्हें शुरुआत से ही बिज़नेस करने का बहुत शौक़ था, इसलिए वो अमेरिका आ गए थे। साल 1806 में उन्होंने अपने नाम से एक छोटी सी कंपनी शुरू की और उसमें साबुन और मोमबत्तियां बनाना शुरू किया। विलियम खुद लोगों के पासकर अपने साबुन-कैंडल बेचते, लेकिन इस कारोबार में उन्हें कुछ खास मुनाफा नहीं हो रहा था।

​बेटे ने बदल दी पूरी कंपनी​

साल 1857 में विलियम की मौत के बाद बेटे सैमुअल कोलगेट ने कारोबार को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उठाई। कारोबार घाटे में चल रहा था। लोगों के बीच कोलगेट के साबुन और मोमबत्तियां कुछ खास लोकप्रिय नहीं हो पा रही थी। सैमुअल ने कुछ अलग करने का सोचा और साल 1873 में टूथपेस्ट बनाने का बिजनेस शुरू किया। उस दौर में टूथपेस्ट की पैंकिंग के लिए मशीनें उपलब्ध नहीं होती थीं, इसलिए डिब्बों में भरकर पेस्ट बेचना शुरू किया।

​डिब्बे से ट्यूब में पहुंचा कोलगेट​

सैमुअल ने कोलगेट की पैंकिंग में सुधार करते हुए उसे डिब्बों की जगह ट्यूब में रखकर दोबारा से लॉन्च किया। साल 1896 में कोलगेट ट्यूब में पहुंच गया और यहीं से कोलगेट ने सफलता की रफ्तार पकड़ ली। लोगों के बीच ट्यूब वाले पेस्ट की पॉपुलैरिटी बढ़ गई। कंपनी ने प्रोडक्ट की मार्केटिंग पर अच्छा खासा खर्च किया। लोगों को फ्री सैंपल देने शुरू किए। साल 1911 में एक मार्केटिंग स्ट्रेटजी के तहत कंपनी ने स्कूलों और अस्पतालों में 20 लाख टूथपेस्ट के फ्री सैंपल बांटे।

​फ्री सैंपल मार्केट स्ट्रेटजी से बना दुनिया का नंबर-1 ब्रांड​

फ्री सैंपल वाला आइडिया काम कर गया और कोलगेट अमेरिका के बाजारों में छा गया। 1928 में साबुन बनाने वाली कंपनी Palmolive ने कोलगेट को खरीद लिया। जिसके बाद 1953 में इसका नाम बदलकर Colgate-Palmolive कर दिया गया। कोलगेट को उस दौरान में बाकी टूथपेस्ट ब्रांड से कड़ी चुनौती मिली, लेकिन कंपनी ने अपने इनोवेशन के साथ कई फ्लेवर और ब्रांड लॉन्च कर दिए। कोलगेट अमेरिका से बाहर निकलकर दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में फैल गया। आज इस कंपनी का मार्केट कैप 5.24 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। आज टूठपेस्ट मतलब कोलगेट बन चुका है।

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