अगर आप कोई भी प्रोडक्टर और सामान खरीदते हैं और कंपनी अपनी ब्रांडिंग लोगो लगा हुआ या प्रिंटेड कैरी बैग का चार्च आपसे करती है तो कंपनी या दुकानदार को यह मंहगा पड़ सकता है ऐसा ही एक मामला सामने आया है भोपाल से जिसमें एक ग्राहक को महज 14 रुपए के कैरी बैग के लिए बड़ी लड़ाई लड़नी पड़ी, लेकिन नतीजा ऐसा आया कि बड़े-बड़े ब्रांड्स के लिए यह सबक बन गया। मशहूर चाइल्ड प्रोडक्ट ब्रांड फर्स्ट क्राई को अपना लोगो छपा हुआ कैरी बैग ग्राहक को देना महंगा पड़ गया। उपभोक्ता आयोग भोपाल ने इसे अनुचित व्यापार मानते हुए कंपनी को न सिर्फ 14 रुपए वापस करने, बल्कि मानसिक कष्ट के लिए 10,000 रुपए और केस खर्च के रूप में 15,000 रुपए देने का आदेश सुनाया।
क्या है पूरा मामला? भोपाल के शाहपुरा निवासी सानिध्य जैन ने 24 अप्रैल 2023 को कोलार रोड स्थित फर्स्ट क्राई स्टोर से 162 रुपए के सामान की खरीदारी की। बिल चेक करने पर उन्होंने देखा कि स्टोर ने 14 रुपए अतिरिक्त जोड़ दिए हैं। जब उन्होंने इस बारे में स्टोर से सवाल किया, तो जवाब मिला कि कंपनी पॉलिसी के तहत कैरी बैग का चार्ज लिया जाता है। सानिध्य को यह बात अनुचित लगी, और उन्होंने उपभोक्ता आयोग में न्याय की गुहार लगाई।
फोरम ने सुनाया बड़ा फैसला फर्स्ट क्राई ने फोरम में दलील दी कि कैरी बैग लेना ग्राहक की मर्जी थी और शुल्क की जानकारी पहले से थी। लेकिन फोरम ने इसे अनुचित व्यापार और सेवा में कमी मानते हुए कंपनी का तर्क खारिज कर दिया। फोरम की बेंच 1 के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल और सदस्य प्रतिभा पांडे ने माना कि फर्स्ट क्राई अपने विज्ञापन वाले कैरी बैग के लिए ग्राहक से पैसे वसूल कर रही थी, जो गलत है।
फोरम ने फर्स्ट क्राई को आदेश दिया
ये है कानून— जानिए अपनेधिकार!