दुनियाभर में तेजी से बर्ड फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं। अमेरिका में 48 राज्य में 9 करोड़ से ज्यादा मुर्गियों में ये बीमारी फैल चुकी है। अब ये बीमारी गायों तक पहुंच गई है। भारत में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। अब सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के पूर्व निदेशक रॉबर्ट रेडफील्ड ने दावा किया है कि अगली महामारी बर्ड फ्लू से आ सकती है।
ब्रिटेन के मीडिया हाउस इंडिपेंडेंट के मुताबिक, एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में रॉबर्ट रेडफील्ड ने बताया कि बर्ड फ्लू के कोरोना की तुलना में मृत्यु दर ज्यादा है। उन्होंने बताया कि कोरोना में मृत्यु दर 0.6% थी, जबकि इसमें ये दर 25 से 50% है।
डॉक्टरों के मुताबिक, बर्ड फ्लू का H5N1 वायरस इंसानों में फैल रहा है। H5N1 से 10 में से 6 लोगों की मौत हो जाती है। हालांकि, रॉबर्ट रेडफील्ड ने यह नहीं बताया कि बर्ड फ्लू महामारी में कब बदलेगा।
क्या होता है बर्ड फ्लू?
बर्ड फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस से होने वाला संक्रमण है। यह आमतौर पर पक्षियों और जानवरों में फैलता है। कई बार यह संक्रमित जानवरों के जरिए इंसानों में भी फैल सकता है। बर्ड फ्लू के कई वेरिएंट काफी घातक होते हैं। हालांकि, H9N2 के मामले में बहुत गंभीर समस्याएं देखने को नहीं मिली हैं।
इन्फ्लूएंजा वायरस चार तरह का होता है, इन्फ्लूएंजा A, B, C और D। इनमें से ज्यादातर एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस इंसानों को संक्रमित नहीं करते। हालांकि A (H5N1) और A (H7N9) से इंसानों के संक्रमित होने का खतरा रहता है। अब A (H9N2) नए खतरे के रूप में सामने आया है।
बर्ड फ्लू कैसे फैलता है?
बर्ड फ्लू पक्षियों में पाए जाने वाले इन्फ्लूएंजा वायरस के जरिए फैलता है। अभी तक इंसानों में इसके एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने के मामले सामने नहीं आए हैं। फिर भी एक्सपर्ट्स को डर है कि कभी भी कोई ऐसा म्यूटेंट आ सकता है, जो इंसानों से इंसानों में फैल सकता है।
बर्ड फ्लू कितनी खतरनाक बीमारी है
साल 1997 में हॉन्गकॉन्ग में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का इंसानों में पहला केस मिला था। यह H5N1 था और इसका डेथ रेट करीब 60% था यानी इससे प्रभावित 10 में से 6 लोगों की मौत हो रही थी।
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, बर्ड फ्लू अब तक की बेहद घातक बीमारियों में से एक है। दुनिया में इसका इसका डेथ रेट 50% से ज्यादा है। इसका मतलब है कि बर्ड फ्लू से पीड़ित 10 व्यक्तियों में से 5 की मौत हो जाती है।
बर्ड फ्लू के जिस नए वेरिएंट H9N2 को लेकर हम बात कर रहे हैं, इसकी पक्षियों में मृत्यु दर 65% के करीब है। इंसानों में अभी इसके बहुत मामले देखने को नहीं मिले हैं। जो मामले मिले हैं, उनमें यह ज्यादा घातक साबित नहीं हुआ है।
क्या हैं बर्ड फ्लू के रिस्क फैक्टर्स?
इंफ्लूएंजा वायरस कई दिनों तक जीवित रह सकता है। H9N2 से संक्रमित पक्षी 10 दिनों तक मल और लार के जरिए वायरस फैला सकते हैं। इन्फेक्टेड सर्फेस को छूने से भी संक्रमण फैल सकता है।
बर्ड फ्लू से बचने के लिए किस तरह की सावधानियां बरत सकते हैं?
पक्षियों और जानवरों का टीकाकरण अवश्य करवाएं। इससे इन्हें बर्ड फ्लू होने का खतरा बेहद कम हो जाता है। इसके अलावा हम खुद भी कुछ टिप्स अपना सकते हैं। पहले इसे ग्राफिक में देखते हैं, फिर विस्तार से समझेंगे-