मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने सभी लोगों का आह्वान किया है कि वे राष्ट्र निर्माण में आगे आयें और संघ की गतिविधियों से जुड़ें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संघ का डंडा चलाने का उद्देश्य झगड़ा करना नहीं लेकिन कोई आ जाये तो उसका इलाज करना ही पड़ता है। तीन जनवरी 2025 शुक्रवार को दशहरा मैदान पर संघ के मालवा प्रान्त का घोषवादन हुआ और डॉ. भागवत की उपस्थिति में संघ के मालवा अंचल के 28 जिलों से आये 870 स्वयं सेवकों ने एक घंटे सात मिनट तक घोषवादन किया। इसी दौरान संघ के मुखिया मोहन भागवत का यह भी कहना था कि मनुष्य लाठी चलाने से वीरता प्राप्त करता है और निर्भीक बनता है। उन्होंने बताया कि घोष वादन कला का प्रदर्शन नहीं अपितु इसका उद्देश्य राष्ट्र निर्माण के प्रति जागरुकता बढ़ाना है। यह बीस से चालीस लोगों के बीच हो सकता था लेकिन इसे सार्वजनिक रुप से करने का लक्ष्य यही है कि आप सभी राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभायें। उन्होंने इस दौरान संघ की 100 वर्षों की यात्रा व उद्देश्यों के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम हुआ था। घोष वादकों ने बंसी की धुन पर ‘‘ राम आयेंगे, अवध में राम आयेंगे‘‘ ध्वनि की मनमोहक प्रस्तुति दी। घोष दल ने 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 100 की आकृति बनाई और इसी प्रकार शिवलिंग व स्वास्तिक की आकृति भी बनाई गई। भागवत का विचार था कि इतने स्वयंसेवक संगीत का प्रस्तुतीकरण कर रहे हैं जो कि अपने आप में एक आश्चर्यजन घटना है। हमारी रण संगीत परंपरा जो विलुप्त हो गयी थी अब फिर से लौट आई है। महाभारत काल में पांडवों ने युद्ध के समय घोष किया था उसी तरह संघ ने भी इसे पुनः जागृत किया है। उनका कहना था कि संघ जब शुरु हुआ तब शारीरिक कार्यक्रमों के साथ संगीत की भी जरुरत थी। उस समय सेना और पुलिस से भी संघ ने संगीत सीखा। यह सब देश भक्ति के लिए किया गया। डॉ. भागवत यह नहीं मानते हैं कि हमारा देश दरिद्र है, बल्कि उनकी सोच है कि हम अब वैश्विक परिदृष्य में खड़े हुए हैं यानी पटल पर हमारी उपस्थिति है। संघ के कार्यक्रमों से मनुष्य में सद्गुणों की वृद्धि होती है। डंडा चलाने का उद्देश्य झगड़ा करना नहीं होता बल्कि यह उस स्थिति के लिए है जब कोई हमारे सामने आकर गिर जाये तो हम उसकी मदद कर सकें। लाठी चलाने वाला व्यक्ति वीर होता है वह कभी डरता नहीं। उनका कहना था कि संगीत के अनुरागी सब हैं लेकिन साधक सब नहीं हैं।अपना-अपना काम करते हुए समय निकाल कर अभ्यास करते हुए उन्होंने यह प्रस्तुति दी है। स्वाभाविक रुप से इसे सुनकर सभी को आश्चर्य हुआ है।
डॉ. भागवत ने यह भी बताया कि ध्वजारोहण के समय आपने राज राजेश्वरी राग में जो रचना सुनी वह सबसे पहले बनी, बाद में संचलन पर यह व्यायाम योग के लिए अनुकूल धुनें भारतीय संगीत के आधार पर बनी, जो दुनिया में सबके पास है, वह हमारे पास भी होना चाहिये। हम किसी से पीछे नहीं हैं। संघ के आयोजन प्रदर्शन के लिए नहीं होते बल्कि इससे मनुष्य की संस्कृति, स्वभाव और संस्कार बनते हैं। इससे देश कार्य करने के लिए गुण के साथ व्यक्ति भी आवश्यक है। इस अवसर पर इंदौर के 500 से ज्यादा समाजों के प्रमुख जनप्रतिनिधि,प्रबुद्धजन और स्वयंसेवक परिवार सहित शामिल हुए। भागवत का कहना था कि संघ की यह तपस्या जब सफल होगी जब लोग ऐसा पूछने लगेंगे कि संघ की शाखा कहां लगती है। उन्होंने लोगों को यह भी ध्यान दिलाया कि इसकी जड़ें कहां हैं और वह जड़ तक पहुंचे। अच्छे जीवन के साथ हमारे देश का जीवन और अच्छा बने इस दिशा में काम करें।
*यूनियन कार्बाइड के कचरे का निष्पादन और विवाद*
यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन और परिवहन तथा धार जिले में पीथमपुर के निकट डम्प एवं निष्पादन किये जाने के संबंध में जो कथित विवाद पैदा हुआ है उसके संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक उच्च स्तरीय बैठक में लोगों से यह अपील करते हुए कि सही तथ्य जाने बिना भ्रम में नहीं आयें। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि कोर्ट का निर्देश आने तक यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन पर आगे कार्रवाई नहीं की जायेगी। इस कार्रवाई को लेकर जहां राजधानी भोपाल के लोगों ने राहत की सांस ली वहीं धार जिले व इंदौर में लोगों को आशंका है कि अब जब इस कचरे का निष्पादन होगा तो उनके स्वास्थ्य पर इसका विपरीत असर पड़ेगा। इस स्थिति को भांपते हुए ही डॉ. यादव ने लोगों को उक्त भरोसा दिलाया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश सरकार एक ऐसी सरकार है जो जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इसी नाते हम सदैव जनता के हित को लेकर आगे बढ़े हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशऔर हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर पहुंचाया गया है। हमने केवल न्यायालय की याचिकाओं और आदेशों के तारतम्य में सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए केवल परिवहन किया है। न्यायालय ने इस कार्य के लिए 4 जनवरी की समयसीमा तय की थी और उसके पहले वहां कचरा पहुंचना चाहिये था। न्यायालय को 6 जनवरी तक इसकी रिपोर्ट अपेक्षित थी। इस कचरे को लेकर पिछले दिनों काफी बवाल मचा और पीथमपुर में आत्मदाह का प्रयास कर रहे दो लोग झुलस गये। आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर पत्थर बरसाये और गाड़ियों में तोड़फोड़ की तो पुलिस को भी लाठियां भांजते हुए देखा गया और ट्राफिक जाम चारों तरफ कर दिया गया।
*और यह भी*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के चुनाव प्रचार का आगाज करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा केजरीवाल पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा कि मैंअपने लिए शीश महल बनवा सकता था लेकिन गरीबों के लिए चार करोड़ मकान बनाये। दिल्ली में आपदा सरकार है और ये कट्टर बेईमान लोग हैं। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल अपने स्वयं व अपनी पार्टी के लोगों को कट्टर ईमानदार कहा करते थे लेकिन आबकारी घोटाले में आरोप लगने के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था और मोदी का यह कटाक्ष संभवतः इसी परिप्रेेक्ष्य में था। चुनावी नारा देते हुए मोदी ने कहा कि आपदा को हटाना है और भाजपा को लाना है। दिल्ली में 4 हजार 500 करोड़ रुपए की की कई परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी मोदी ने किया। दिल्ली के अशोक विहार में बने 1675 फ्लैटस का भी प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया जो झुग्गीवासियों के लिए हैं।
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