Select Date:

चांद से धरती का हाल बताएगा चंद्रयान-3, सुलझाएगा अंतरिक्ष की बड़ी गुत्‍थी, जानें क्‍या-क्‍या करेगा नन्‍हा प्रज्ञान

Updated on 14-07-2023 02:03 PM
नई दिल्ली: भारत एक बार फिर चांद को छूने के लिए अपना नया स्पेस मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च कर रहा है। चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिग के लिए भारत दूसरी बार प्रयास करेगा। शुक्रवार को दोपहर 2.30 बजे यह मिशन लॉन्च किया जाएगा। लॉन्चिंग से लेकर चांद पर पहुंचने तक यह पूरा मिशन इसरो संभालेगा। इससे पहले भारत ने 22 जुलाई 2019 में चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया था। तब यह स्पेसक्राफ्ट चांद तक आसानी से पहुंच गया था, लेकिन सतह पर उतरने से ठीक पहले ही कुछ खराबी आ गई और मिशन फेल हो गया। आइए जानें इस मिशन से भारत को क्या मिलेगा?

3 साल 11 महीने और 23 दिन बाद एक बार फिर से यह मिशन लॉन्च किया जा रहा है। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर भेजा जाएगा। लेकिन आखिर इस मिशन से वैज्ञानिक क्या चाहते हैं? अगर इस मिशन के लक्ष्य की बात करें तो चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में कई वैज्ञानिक पेलोड अपने साथ ले जाएगा। इससे पृथ्वी पर वैज्ञानिकों को चंद्रमा के बारे में बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। लेकिन मिशन के मुख्य तीन लक्ष्य हैं।

क्या है मिशन के लक्ष्य

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मुताबिक वैज्ञानिक मुख्य तीन लक्ष्य चंद्रयान-3 से पूरा करना चाहते हैं। सबसे पहले वैज्ञानिक चांद की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करना चाहते हैं। चंद्रयान-2 मिशन भी सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए ही था। इसके बाद ISRO वैज्ञानिक चांद की सतह पर रोवर को चलाना चाहते हैं। सबसे अंत में वैज्ञानिक चांद पर कई प्रयोग करना चाहते हैं, जिसके लिए कई यंत्र भेजे जाएंगे। स्पेसक्राफ्ट के साथ एक खास यंत्र जाएगा जो चांद से पृथ्वी को देखेगा और इसके जीवन वाली विशेषताओं का अध्ययन करेगा।

धरती की दूरी का लगाएगा पता

भविष्य में सौर मंडल के बाहर ग्रहों को खोजने और उन पर जीवन का पता लगाने में यह अध्ययन महत्वपूर्ण होगा। रिपोर्ट के मुताबिक विक्रम लैंडर में चार पेलोड होंगे। धरती पर भूकंप की ही तरह चांद पर भी कंपन होता है। इसकी स्टडी एक यंत्र करेगा। दूसरा यंत्र धरती और चांद के बीच की सटीक दूरी का पता लगाएगा। तीसरा यंत्र प्लाज्मा वातावरण पर स्टडी करेगा। चौथा उपकरण यह पता लगाएगा कि चांद की सतह ऊष्मा को अपने जरिए कैसे प्रवाहित होने देती है। चांद की सतह के कंपोजिशन को समझने के लिए प्रज्ञान रोवर में लगे एक्स रे और लेजर का इस्तेमाल किया जाएगा। चांद के दक्षिणी ध्रुव के करीब के क्षेत्र को लैंडिंग के लिए सिलेक्ट किया गया है। इस क्षेत्र में छाया वाले क्रेटर हैं, जिनमें पानी अणु के रूप में होने की संभावना है।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 03 May 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का टैक्स फ्री संस्थान का दर्जा खत्म करने जा रहे हैं। ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा…
 03 May 2025
अमेरिका ने सऊदी अरब को 3.5 अरब डॉलर (करीब 29 हजार करोड़ रुपये) की एयर-टू-एयर मिसाइलें बेचने की मंजूरी दे दी है। इस सौदे के तहत सऊदी अरब को 1,000…
 03 May 2025
सिंगापुर में आज संसदीय चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला 1965 से सत्ता पर काबिज पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) और प्रमुख विपक्षी दल वर्कर्स…
 03 May 2025
ऑस्ट्रेलिया में आज 2025 के फेडरल चुनाव के वोट डाले जा रहे हैं। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला वर्तमान प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की लेबर पार्टी और विपक्षी नेता पीटर डटन…
 01 May 2025
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में सरकार विरोधी प्रदर्शन कोई नई बात नहीं है लेकिन हालिया समय में सिंध प्रांत ने दुनिया का ध्यान खींचा है। सिंध में लगातार पाकिस्तान…
 01 May 2025
इस्लामाबाद: कश्मीर के पहलगाम में बीते महीने हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात हैं। पाकिस्तान की ओर से कहा जा रहा है कि…
 01 May 2025
वॉशिंगटन: खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पाकिस्तान के समर्थन का ऐलान किया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक में युद्ध की आशंका के बीच पन्नू ने एक नया बयान दिया है। SFJ…
 01 May 2025
इस्लामाबाद: पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ने परमाणु युद्ध की आशंका को जगा दिया है। भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं। नई दिल्ली की…
 01 May 2025
बीजिंग: भारत ने अपनी हवाई सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा है। भारत ने खासतौर से पाकिस्तान और चीन के खतरे को देखते…
Advertisement