ये था मामला जिसमें बरी हुए पप्पू
गौरतलब है कि गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक बीएन सिंह ने 8 नवंबर, 1993 को केस दर्ज कराया था। रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के दो विधायक पप्पू यादव और उमेश पासवान के अपने विरोधी राजनीतिक दलों की चुनावी सभाओं में प्रवेश करने की सूचना मिली थी। सूचना पर प्रभारी निरीक्षक उजियार घाट की तरफ से आ रहे 19 गाड़ियों पर सवार लोगों को रोका गया। इस पर यह लोग उग्र हो गए और चक्काजाम कर दिया। इस मामले में आचार संहिता का उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ था। सोमवार को दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए सभी लोगों को दोषमुक्त कर दिया।