खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडाई खुफिया विभाग (CSIS) इस साल फरवरी और मार्च में दो बार सीक्रेट तरीके से भारत आया। इसकी जानकारी रविवार (9 मई) को खुद CSIS के निदेशक डेविड विग्नॉल्ट ने दी। उन्होंने बताया कि वे लोग निज्जर की हत्याकांड से संबंधित मामले की जानकारी भारतीय अधिकारियों को देने के लिए भारत आए थे।
खुफिया एजेंसी के दौरे निज्जर हत्याकांड में 4 भारतीयों की गिरफ्तारी से पहले हुए थे। कनाडा ने पिछले महीने ही 4 भारतीय नागरिकों को निज्जर हत्याकांड में गिरफ्तार किया था। एडमॉन्टन में रहने वाले 22 साल के करण ब्रार, 22 साल के कमलप्रीत सिंह और 28 साल के करणप्रीत सिंह पर फर्स्ट-डिग्री हत्या और हत्या की साजिश रचने के आरोप में लगे थे। इसके बाद एक और भारतीय अमनदीप सिंह को कनाडाई अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था।
दरअसल, 18 जून, 2023 की शाम को सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल 18 सितंबर को भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था।
'कनाडा उन लोगों को वीजा देता है जो भारत में वांटेड'
निज्जर मामले में गिरफ्तारियों के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आरोप लगाया था कि कनाडा उन लोगों को वीजा देता है जो भारत में वांटेड हैं। उन्होंने कहा था कि 'पंजाब में संगठित अपराधों से जुड़े लोगों का कनाडा में स्वागत किया जाता है।'
इस हत्याकांड की जांच रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) कर रही है। कनाडाई अधिकारियों ने भी माना की CSIS से जुड़े कुछ लोग भारत गए थे, लेकिन उन्होंने इस बार में जानकारी देने से मना कर दिया कि CSIS की भारतीय अधिकारियों से क्या बातचीत हुई थी।
कनाडाई अधिकारी बोले- भारत के साथ जानकारी साझा कर रहे हैं
कनाडाई अधिकारियों ने कहा कि CSIS लगातार भारतीय अधिकारियों के साथ हत्याकांड की जानकारी साझा कर रही है। उन्होंने कहा कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी यही बात कई बार दोहराई है। कनाडाई अधिकारियों ने कहा कि मामले की शुरुआती जांच चल रही है और इसमें संबंधित लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है।
यही दोनों देशों के हितों में है। RCMP स्वतंत्र तरीके से जांच कर रही है। हालाकि, अब तक CSIS की भारत यात्रा पर भारतीय अधिकारियों ने कोई जानकारी साझा नहीं की है।
भारत ने कनाडा के 41 डिप्लोमैट्स को निकाला था
कनाडा के आरोपों के बाद भारत ने वहां के लोगों के लिए वीजा सेवाएं सस्पेंड कर दी थीं। 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को भी हटा दिया था। हालांकि, बाद में डिप्लोमैटिक लेवल पर बातचीत हुई और कुछ महीनों बाद वीजा सेवाएं बहाल कर दी गई थीं।
कनाडा ने कहा था कि वह इस हत्या में भारत के शामिल होने के सबूत देगा, जो उसने अब तक नहीं दिए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर अलग-अलग मंचों से कई बार ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग कर रहा है।