भोपाल। शेयर बाजार में आईपीओ के जरिए निवेश करने पर मोटे मुनाफे का लालच देकर लोगों से ठगी करने वाले एक गिरोह को भोपाल साइबर पुलिस ने राजस्थान के बाड़मेर और जोधपुर से गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपित निम्बाराम कॉलेज के छात्रों को निशाना बनाकर उनसे बैंक खाते खुलवाने के लिए दस्तावेज खरीदता था और पांच हजार रुपये के कमीशन पर खाता खोलकर गिरोह के मुख्य सरगना को बेचता था। बाद में ठग लोगों से धोखाधड़ी कर इन्हीं बैंक खातों का उपयोग लेनदेन में करते थे।
पुलिस इस मामले में कमीशन पर खाते बेचने वाले एजेंट, एक खाता धारक सहित तीन को गिरफ्तार कर चुकी है। ठगी करने वाले मुख्य आरोपितों की तलाश जारी है। एसआई भरत प्रजापति के अनुसार 22 वर्षीय निम्बाराम बाड़मेर के चौहटन में रहता है, जो क्षेत्र में रहने वाले कॉलेज छात्रों को निशाना बनाकर उनसे 10 हजार रुपये तक में बैंक खाते खुलवाने के लिए दस्तावेज खरीदता था।
बाद में उन्हीं दस्तावेजों से ऑनलाइन और ऑफलाइन बैंक खाते खुलवाता और 15 हजार रुपये में ठगों को बेच देता था। इस तरह तीन महीने में उसने 50 से अधिक बैंक खातों को बेच दिया था। आरोपित ने रुपयों का लालच देकर बाड़मेर निवासी 21 वर्षीय नरेंद्र से उसके भाई के दस्तावेज लिए और बैंक खाता खोल लिया था।
नरेंद्र ने भाई की चोरी से उसकी जानकारी और मोबाइल पर आए ओटीपी निम्बाराम को बता दिए थे। साथ ही जोधपुर में मजदूरी करने आए बिहार के गया निवासी 37 वर्षीय चंदन मांझी के नाम पर भी एजेंट खाता खोला था। पुलिस ने इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया है।
डिजिटल फुटप्रिंट को लेकर सतर्क था आरोपित
एसआई प्रजापति ने बताया कि आरोपित निम्बाराम कॉलेज छात्रों के कागजातों का इस्तेमाल कर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन बैंक खाता खुलवाने के अलावा सिमकार्ड भी इन्हीं के नाम पर लेता था। इसके बाद उस बैंक खाता में नेटबैंकिंग को शुरू करने के लिए अपने मोबाइल के सिमकार्ड के इंटरनेट का इस्तेमाल न करते हुए इसके लिए अलग से वाई-फाई डोंगल का इस्तेमाल करता था ताकि मोबाइल का आईएमईआई नंबर न पता चले और आरोपित के डिजिटल फुटप्रिंट न रह जाएं।