मध्यप्रदेश के डेढ़ लाख संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में 2.94 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। वित्त विभाग ने गुरुवार शाम को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। संविदा कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ 1 अप्रैल 2025 से मिलेगा। सामान्य प्रशासन विभाग के 22 जुलाई 2023 के सर्कुलर के आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की रिपोर्ट पर यह वृद्धि 2.94 प्रतिशत तय की गई है। यानी अब हर अधिकारी और कर्मचारी को 31 मार्च 2025 की स्थिति में मिल रहे वेतन में 1 अप्रैल 2025 से 2.96 प्रतिशत बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। वित्त विभाग ने सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त, राजस्व मंडल अध्यक्ष, सभी कलेक्टरों को वेतनवृद्धि के निर्देश जारी किए। ये वेतनवृद्धि पिछले साल के मुकाबले कम मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि प्रदेश में संविदा पर काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी का न्यूनतम वेतन 12 हजार से लेकर 65 हजार रुपए प्रति माह तक है। इसमें दो महीने से वृद्धि नहीं किए जाने पर उनके द्वारा शासन के संज्ञान में यह मामला लाया गया था। पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में यह वृद्धि 3.78 प्रतिशत की गई थी। संविदा वर्ग को उम्मीद थी कि इस बार सरकार 4 प्रतिशत तक की वृद्धि कर लाभ देगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। महंगाई भत्ते के आधार पर मिले वेतन वृद्धि राठौर ने कहा कि आज जो वृद्धि की गई है, उससे कर्मचारियों को 300 रुपए से 1500 रुपए तक की वेतन वृद्धि मिलेगी, जो नाम मात्र है। पहले यह वृद्धि दो हजार से आठ हजार तक होती थी। इसलिए सरकार से मांग है कि जैसे पहले संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता मिलता था, वैसे ही महंगाई भत्ता दिया जाए।