इंदौर जिले के महू में एक सभा के दौरान शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों की "बहन" को भेजकर उनकी हालत खराब कर दी। इस बयान को कर्नल सोफिया के धर्म से जोड़कर देखा गया, जिसके बाद विवाद ने तूल पकड़ लिया।
भाजपा नेतृत्व ने उन्हें तलब कर फटकार लगाई। शाह को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी। दूसरी ओर कांग्रेस ने इस मुद्दे को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के निर्देश के बाद पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह समेत भाजपा नेताओं ने सोफिया कुरैशी के नौगांव छतरपुर घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की। भाजपा नेताओं ने कहा कि सोफिया हमारे देश की बेटी है हमे उन पर गर्व है।
हड़बड़ी में हवाई चप्पल पहने ही प्रदेश कार्यालय पहुंचे शाह ने पत्रकारों से कहा कि आतंकियों द्वारा निर्मम हत्या से मेरा मन विचलित था। मेरे भाषण से किसी समाज या धर्म को ठेस पहुंची, तो मैं दस बार माफी मांगता हूं। कर्नल सोफिया ने राष्ट्र धर्म निभाया है। वह हमारी सगी बहन से ज्यादा सम्मानित हैं। मैं उन्हें सैल्यूट करता हूं।
मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विजय शाह को बुलाकर कड़ी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि ऐसी आपत्तिजनक बयानबाजी से सरकार और पार्टी की छवि खराब होती है। यादव ने शाह को चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी गलती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने शाह से स्पष्ट कहा कि उन्हें अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना होगा।
विजय शाह के बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंत्री के आवास पर उनकी नेम प्लेट को कालिख से पोत दिया। इंदौर में कांग्रेस पार्षद यशस्वी पटेल ने शाह का मुंह काला करने वाले को 51 हजार रुपये इनाम देने का ऐलान किया। इसके अलावा महिला कांग्रेस ने इंदौर के रीगल तिराहे पर शाह के पुतले जलाने की घोषणा की।