नई दिल्ली । हरियाणा भााजपा के सांसदों और विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर तीन नए कृषि कानूनों का समर्थन किया। बैठक में केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया, लोकसभा सांसद धर्मवीर सिंह और नायब सिंह सैनी और राज्यसभा सांसद डीपी वत्स और कुछ विधायक मौजूद थे। बैठक के बाद, रोहतक के भाजपा सांसद अरविंद शर्मा ने कहा कि राज्य के सांसद और विधायक कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने पर सहमत होने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद करने आये हैं। उन्होंने कहा कि एक अन्य मुद्दा सतलज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के पानी से भी जुड़ा हुआ है, जिसे पंजाब कई सालों से अपनी तरफ से रोके हुए है। शर्मा ने कहा , ‘‘हरियाणा के किसानों ने नए कृषि कानूनों को बहुत अच्छी तरह से समझा है। हमारे पार्टी के सहयोगियों और कुछ गैर सरकारी संगठनों ने राज्य में कानूनों के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा की है। अब कई किसानों ने समझना शुरू कर दिया है। राज्य के कई किसान समूह केंद्रीय कृषि मंत्री से मिल रहे हैं और इन कृषि कानूनों को अपना समर्थन दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि किसानों की आपत्तियों पर केंद्र ने पहले ही कई दौर की चर्चा की है और संशोधन और एमएसपी पर लिखित आश्वासन के लिए तैयार है। यह पूछे जाने पर कि क्या गतिरोध का समाधान होने के संबंध में तोमर ने कोई संकेत दिया, उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि बैठक को जल्द बुलाया जाएगा। बहुत जल्द कुछ समाधान मिल जाएगा।’’ बैठक में उपस्थित हरियाणा किसान मोर्चा के अध्यक्ष समय सिंह भाटी ने कहा, ‘‘हमने मंत्री से कानूनों को निरस्त नहीं करने की अपील की। यदि केंद्र कुछ प्रावधानों में संशोधन करना चाहता है तो हमें कोई समस्या नही है।’’ भाटी ने कहा, ‘‘दूसरा मुद्दा जो हमने उठाया था वह लंबे समय से लंबित सतलज यमुना लिंक नहर का मुद्दा था। उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा के पक्ष में आदेश दिया है लेकिन अभी तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है। भाटी ने कहा, ‘‘हमने कहा है कि इस मुद्दे को मौजूदा मुद्दों के साथ ही सुलझाया जाना चाहिए। राज्य में कुछ जिले ऐसे हैं, जिनमें पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। अगर नहर का मुद्दा हल हो गया, तो इन जिलों को फायदा होगा।’’ यह दावा करते हुए कि हरियाणा के किसान, कानूनों के समर्थन में हैं, भाटी ने कहा कि इन कानूनों से किसी भी किसान को कोई नुकसान नहीं होगा और इसे निरस्त नहीं किया जाना चाहिए। यह बैठक शनिवार को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और तोमर के बीच वार्ता के बाद हुई। बैठक के बाद दुष्यंत चौटाला ने उम्मीद जताई थी कि गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्र और प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के बीच बातचीत जल्द ही शुरू होगी।