न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति की रिपोर्ट के बारे में चौहान ने पत्रकारों से कहा, ‘पोर्ट अभी तैयार नहीं हुई है। समिति लगातार इसपर काम कर रही है।’
एमएसपी पर पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में बनी समिति ने अब तक दो दर्जन से अधिक बैठकें तथा कार्यशालाएं आयोजित की हैं। समिति का गठन जुलाई, 2022 में किया गया था। गठन से आठ महीने पहले सरकार ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेते हुए समिति गठित करने का वादा किया था।
फसल की 109 किस्मों की पेशकश
समिति को एमएसपी को अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने तथा देश की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फसल के तरीकों में बदलाव करने के लिए सुझाव देने का काम सौंपा गया था। चौहान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए अधिक उपज वाली तथा जलवायु-अनुकूल फसल की 109 किस्में पेश की गई हैं।
सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे आगामी रबी मौसम के लिए खासकर नई फसल किस्मों के लिए अपनी बीज संबंधी जरूरतों की जानकारी पहले दें, ताकि किसी भी तरह के विलंब को रोका जा सके।
उचित मूल्य निर्धारण के मुद्दे पर चौहान ने कहा कि सरकार ने खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि की है। इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना का विस्तार किया है।
मंत्रिमंडल ने फसल कीमतों को स्थिर करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए पीएम-आशा के तहत मूल्य समर्थन योजना को जारी रखने को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि इन उपायों का आगामी खरीफ विपणन सत्र में ही ठोस प्रभाव देखने को मिलेगा।
एमएसपी पर पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में बनी समिति ने अब तक दो दर्जन से अधिक बैठकें तथा कार्यशालाएं आयोजित की हैं। समिति का गठन जुलाई, 2022 में किया गया था। गठन से आठ महीने पहले सरकार ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेते हुए समिति गठित करने का वादा किया था।
फसल की 109 किस्मों की पेशकश
सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे आगामी रबी मौसम के लिए खासकर नई फसल किस्मों के लिए अपनी बीज संबंधी जरूरतों की जानकारी पहले दें, ताकि किसी भी तरह के विलंब को रोका जा सके।
उचित मूल्य निर्धारण के मुद्दे पर चौहान ने कहा कि सरकार ने खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि की है। इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना का विस्तार किया है।
मंत्रिमंडल ने फसल कीमतों को स्थिर करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए पीएम-आशा के तहत मूल्य समर्थन योजना को जारी रखने को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि इन उपायों का आगामी खरीफ विपणन सत्र में ही ठोस प्रभाव देखने को मिलेगा।