भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष न्यायालय ने आयकर विभाग को तीनों से पूछताछ की अनुमति दे दी है। इसके लिए कोई अवधि निर्धारित नहीं की गई है। सूत्रों का कहना है कि विभाग के अधिकारी दो से तीन दिन तीनों पूछताछ कर सकते हैं।
आयकर विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोकायुक्त छापे के अगले दिन मंडोरी गांव में खड़ी कार से मिले 54 किलो सोना, 10 करोड़ रुपये नकद और डायरी के संबंध में जानकारी उगलवाना है। डायरी में करोड़ों रुपये का हिसाब लिखा है।
सूत्रों का कहना है कि इसमें कई नेता अधिकारी और मध्यस्थों के नाम भी लिखे हैं। इस डायरी के आधार पर राज खुला तो सौरभ शर्मा के पूरे नेटवर्क का राजफाश हो जाएगा। उसे आगे बढ़ाने वाले किरदार भी सामने आ सकेंगे।
विभाग ने पहले ही इन लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है, डायरी में जिनके नाम लिखे हैं। आयकर विभाग इसके पहले सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा, चेतन सिंह गौर, सौरभ के रिश्तेदार सहित कई लोगों से पूछताछ कर चुका है।
सौरभ से पूछताछ नहीं हो पाने के कारण विभाग की जांच रुकी हुई है। लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर के यहां 18 दिसंबर 2024 को छापा मारा था। उसके अगले दिन कार से विभाग ने सोना, नकदी और डायरी जब्त की थी। यानी दो माह बाद भी आयकर विभाग यह पता नहीं कर पाया कि सोना और नकदी किसकी है।