ट्रंप के टैरिफ से पहले अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल को भारी राहत! घट गया जुर्माना, क्या है मामला
Updated on
29-03-2025 05:19 PM
नई दिल्ली: अपीलीय न्यायाधिकरण NCLAT ने अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल पर लगाए गए जुर्माने को घटा दिया। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने गूगल पर प्ले स्टोर पॉलिसी के जरिए अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। NCLAT ने CCI के फैसले को सही तो माना, लेकिन जुर्माने की रकम 936.44 करोड़ रुपये से घटाकर 216 करोड़ रुपये कर दी। एनसीएलएटी ने शुक्रवार को प्रतिस्पर्धा आयोग सीसीआई के इस निष्कर्ष को बरकरार रखा कि कंपनी की ऐप स्टोर नीति डेवलपरों के लिहाज से अनुचित और प्रतिबंधात्मक है। हालांकि एनसीएलएटी ने सीसीआई की तरफ से गूगल पर लगाए गए 936.44 करोड़ रुपये के जुर्माने में भारी कटौती कर 216 करोड़ रुपये कर दिया। एनसीएलएटी ने 104 पन्नों के अपने आदेश में कहा कि गूगल ने बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग किया है और कानून की धारा का उल्लंघन किया है।
हालांकि इसने यह भी कहा कि विभिन्न मापदंडों के आधार पर मोबाइल ऐप्स से 15 से 30 प्रतिशत सेवा शुल्क वसूलने में गूगल ने कोई उल्लंघन नहीं किया था। ट्रिब्यूनल के प्रमुख न्यायमूर्ति अशोक भूषण और तकनीकी सदस्य बरुण मित्रा की दो-सदस्यीय पीठ ने कहा कि कुछ धाराओं में गूगल का उल्लंघन साबित नहीं हुआ, लेकिन उल्लंघन के सबूत पर जुर्माना लगाया जा सकता है। एनसीएलएटी के मुताबिक इस आदेश के पैरा 105 में निहित गणना के अनुरूप गूगल पर लगाया गया जुर्माना संशोधित किया गया है। इस तरह पिछले तीन वर्षों के कारोबार के लिए गूगल पर लगाए गए 936.44 करोड़ रुपये के जुर्माने को संशोधित कर 216.69 करोड़ रुपये किया गया है।
जुर्माना घटाया
एनसीएलएटी ने कहा कि चूंकि गूगल ने पहले ही वर्तमान अपील में जुर्माने का 10 प्रतिशत जमा कर दिया है, लिहाजा उसे जुर्माने की शेष राशि आज से 30 दिनों के भीतर जमा करनी होगी। इससे पहले 25 अक्टूबर, 2022 को प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर अपने प्ले स्टोर से जुड़ी नीतियों के संबंध में अपनी प्रमुख बाजार स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस फैसले को अल्फाबेट इंक और गूगल ने एनसीएलएटी के समक्ष चुनौती दी थी।
एनसीएलएटी ने अपने फैसले में सीसीआई के उस निर्देश को बरकरार रखा है कि गूगल ऐप डेवलपरों को ऐप से खरीदारी या ऐप को खरीदने के लिए किसी भी तीसरे पक्ष की बिलिंग/ भुगतान प्रसंस्करण सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति देगा। इसके अलावा गूगल ऐप डेवलपरों पर कोई एंटी-स्टीयरिंग प्रावधान नहीं लगाएगा और उन्हें अपने ऐप एवं पेशकशों को बढ़ावा देने के लिए उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद करने से नहीं रोकेगा।
दूसरे ऐप से भेदभाव
अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह भी कहा है कि गूगल भारत में यूपीआई के जरिये भुगतान की सुविधा देने वाले दूसरे ऐप के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगा। हालांकि इसने सीसीआई के उस निर्देश को दरकिनार कर दिया जिसमें गूगल को अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए जाने वाले डेटा, ऐसे डेटा के उपयोग और डेटा को साझा किए जाने पर एक स्पष्ट और पारदर्शी नीति निर्धारित करने को कहा गया था।
नई दिल्ली: मिलावटी पनीर की बढ़ती समस्या को देखते हुए उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय रेस्तरां के लिए इस बारे में दिशानिर्देश जारी करने पर विचार कर रहा है। कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी निधि खरे ने…
नई दिल्ली: अगर आप एटीएम से 100 या 200 रुपये का नोट न मिलने से परेशान हैं, तो यह परेशानी जल्दी दूर हो सकती है। इस बारे में रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को दिशा-निर्देश…
नई दिल्ली: गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर में मंगलवार को तेजी आ गई। इस कंपनी के शेयर में तेजी आने के कई कारण रहे। पहला, कंपनी को वित्त वर्ष 2025 की चौथी…
नई दिल्ली: सोने की कीमतें भले ही आसमान छू रही हों, लेकिन अक्षय तृतीया के मौके पर गहनों की दुकानें ग्राहकों को लुभाने के लिए नए-नए ऑफर्स लेकर आई हैं। अक्षय तृतीया कल यानी बुधवार…
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने आर्थिक मोर्चे पर एक के बाद एक कई ताबड़तोड़ फैसले लिए हैं। खासकर कई…
नई दिल्ली: करजन टोल प्लाजा देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले टोल प्लाजा है। इसकी सालाना कमाई करीब 500 करोड़ रुपये है। गुजरात के वडोदरा जिले के भरथाना में स्थित इस…