रूस हो या बेलारूस हर खतरे का सामना करने के लिए तैयार...वैगनर विद्रोह के बाद नाटो चीफ का बड़ा बयान
Updated on
28-06-2023 07:48 PM
विल्नियस: सबसे बड़े सैन्य संगठन नाटो के मुखिया जीन स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि उनका संगठन हर खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह से रेडी है, चाहे वह रूस से हो या मॉस्को से हो। उनकी यह टिप्पणी लिथुआनिया के राष्ट्रपति गीतानास नौसेदा के एक बयान के बाद आई है। रूस में हुए विद्रोह के शांत होने के बाद नौसेदा ने कहा था कि अगर वैगनर चीफ येवेगनी प्रिगोझिन बेलारूस में हैं तो फिर नाटो के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह सदस्य देशों की सुरक्षा को और बढ़ाए। बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्था के बाद प्रिगोझिन एक समझौते के तहत रूस छोड़कर जाने को तैयार हुए थे। लुकाशेंको ने मंगलवार को बताया है कि प्रिगोझिन अपने सैनिकों के साथ बेलारूस पहुंच चुके हैं।
रूस की ताकत को कम नहीं समझें नाटो के प्रमुख ने कहा कि वैगनर सैनिकों के विद्रोह के बाद रूस की मिलिट्री पावर को कम नहीं समझा जाना चाहिए। नाटो प्रमुख का कहना था कि हाल के दिनों में रूस का मुकाबला करने के लिए अपनी तैयारी बढ़ा दी है। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि जब नाटो सदस्य देशों के नेता 11 और 12 जुलाई को लिथुआनिया की राजधानी विल्नियस में मिलेंगे तो गठबंधन रूस और उसके सहयोगी बेलारूस का सामना करने के लिए अपनी ताकत तथा तैयारी को और बढ़ाने को लेकर फैसला कर सकता है। स्टोल्टेनबर्ग ने मंगलवार को कहा, 'इसलिए किसी भी संभावित खतरे के खिलाफ अपने सहयोगियों की रक्षा करने की हमारी क्षमता को लेकर रूस या बेलारूस को कोई संदेह नहीं होना चाहिए।'
लिथुआनिया के राष्ट्रपति का बड़ा बयान
हेग में नाटो सदस्य देशों के आठ नेताओं की एक बैठक में लिथुआनिया के राष्ट्रपति गिटानस नौसेदा ने कहा कि अगर वैगनर समूह बेलारूस में अपने 'सीरियल किलर' तैनात करता है तो पड़ोसी देशों के समक्ष खतरा बढ़ जाएगा। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि वैगनर मुखिया येवगेनी प्रीगोझिन और उसके सैनिकक्या कर सकते हैं और क्या उनका बेलारूस में खात्मा हो सकता है, इस बारे में अभी कोई भी नतीजा निकालना जल्दबाजी होगी। नाटो देश इस बात पर सहमत हुए कि विद्रोह के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ जंग में तेजी लाने से रोकने के लिए नाटो को पूर्वी मोर्चे पर अपनी सेना को बढ़ाना जारी रखना चाहिए।
जर्मनी तैनात करेगा सेना
नाटो ने फरवरी 2022 में स्लोवाकिया, हंगरी, रोमानिया और बुल्गारिया में युद्ध समूहों को तैनात करके यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का जवाब दिया। साल 2017 में तीन बाल्टिक देशों और पोलैंड में इसी तरह से चार बल तैनात किए गए थे। अब ये सभी देश बाल्टिक से काला सागर तक नाटो की मौजूदगी को बढ़ाने की तरफ हैं। सोमवार को, जर्मनी ने कहा है कि वह जरूरत पड़ने पर लिथुआनिया में स्थायी रूप से सेना तैनात करने के लिए तैयार है।
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