भारत के साथ सीमा विवाद के बीच चीन भारत में अपना अगला एंबेसडर नियुक्त कर सकता है। करीब 15 महीने से भारत में चीन का कोई भी राजदूत नहीं है। इसके पहले सुन वीडोंग भारत में चीन के राजदूत थे। उनका कार्यकाल अक्टूबर 2022 में खत्म हो गया था।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी पर करीब 3 साल पहले 2020 में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 38 चीनी सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन इसे लगातार छिपाता रहा है।
गलवान घाटी पर दोनों देशों के बीच 40 साल बाद ऐसी स्थिति पैदा हुई थी। इसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ते चले गए। यही वजह है कि चीन भारत में नया राजदूत अब तक नियुक्त नहीं कर पाया।
जू फीहोंग हो सकते हैं नए राजदूत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन सीनियर डिप्लोमैट जू फीहोंग को भारत में एंबेसडर के तौर पर नियुक्त कर सकता है। जू फीहोंग अफगानिस्तान में राजदूत के रूप में काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह रोमानिया में भी चीन के राजदूत रह चुके हैं। फिलहाल वह चीन में विदेश मामलों के सहायक मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
हालांकि, नए राजदूत की नियुक्ति की औपचारिकताएं अभी पूरी नहीं हुई हैं और यह स्पष्ट नहीं है कि वह कब पदभार ग्रहण करेंगे। इस पर दोनों देशों के विदेश मंत्रालय ने भी बयान नहीं दिया है।
गलवान झड़प की वजह...
गलवान पर हुई झड़प के पीछे की वजह यह थी कि गलवान नदी के एक सिरे पर भारतीय सैनिकों अस्थाई पुल बनाने का फैसला लिया था। चीन ने इस क्षेत्र में अवैध रूप से बुनियादी ढांचे का निर्माण करना शुरू कर दिया था। साथ ही, इस क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा था।
जुलाई 2023 में विदेश मंत्री एस जयशंकर ब्रिक्स की एक मीटिंग में शामिल हुए थे। तब उन्होंने भारत-चीन बॉर्डर पर जारी तनाव को अपने करियर का सबसे कठिन डिप्लोमैटिक चैलेंज बताया था।
सीमा विवाद सुलझने तक सामान्य नहीं हो सकते : जयशंकर
13 जनवरी को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था- दोनों देशों के रिश्ते सीमा विवाद सुलझने तक सामान्य नहीं हो सकते। मैंने चीन के विदेश मंत्री से कहा कि जब तक वो सीमा विवाद का समाधान नहीं ढूंढ लेते तब तक आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि डिपलोमैटिक रिलेशन्स सामान्य तरीके से चलेंगे। यह असंभव है।