नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने विश्व समुदाय से आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों को अलग-थलग करने और उनके खिलाफ प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया। आतंकवाद के बढ़ते प्रकोप पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र से विचार-विमर्श पूरा करने और 'अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन' के भारत के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को अपनाने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि अपराधों के दिन खत्म हो चुके हैं और अब ठोस कार्रवाई का समय है। उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र में सुधार लाने और अधिक समावेशी और न्यायसंगत विश्व व्यवस्था बनाने की भी जरूरत है। सभा को ऑनलाइन संवोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने श्रीमती सुधा मूर्ति को लाल बहादुर शास्त्री अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस 2020 से सम्मानित किया। श्रीमती मूर्ति लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के जरिए परोपकारी कार्य करती हैं और वे इस इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्षा भी हैं।
नायडू ने सभी राष्ट्रों, विशेषकर दक्षिण एशिया के लोगों को शांति को बढ़ावा देने, गरीबी उन्मूलन, सामाजिक सुधार के लिए एक साथ आने पर जोर दिया ताकि आतंकवाद के खतरे को मिटाया जा सके। वह भारत के एक महान पुत्र थे, जो भारत के प्रधान मंत्री के पद के लिए एक विनम्र शुरुआत से उठे और फिर भी उन्होंने अपने स्वभाव में हमेशा सरलता, विनम्रता और मानवीय दृष्टिकोण बनाए रखा। उन्होंने कहा, "उन्होंने एक राजनेता की तरह गरिमा, त्रुटिहीन अखंडता प्रदर्शित की और उच्च नैतिक मूल्यों के साथ समझौता किए बिना राष्ट्र की सेवा की"। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके पास प्रभावी ढंग से संवाद करने और कुशलता से बातचीत करने की उल्लेखनीय क्षमता थी। उन्होंने कहा कि एक वक्ता के रूप में उनकी असाधारण सफलता के रहस्यों में से एक दूसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण को देखने की उनकी क्षमता थी। वह दूसरे व्यक्ति की भावनाओं के लिए अधिकतम तरजीह देने के लिए हमेशा तैयार थे"। नायडू ने कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री के हरित क्रांति और श्वेत क्रांति के आवाहन के चलते थे, जिससे किसान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम थे और भारत दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया था।