भारत ने मालदीव से अपने 51 सैनिकों को वापस बुला लिया है। मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने इस बात की जानकारी दी है। हालांकि उन्होंने मालदीव में बचे भारतीय सैनिकों के बारे में खुलासा नहीं किया है।
मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी की जानकारी ऐसे समय पर आई है, जब राष्ट्रपति मुइज्जु की दी हुई डेडलाइन में सिर्फ दो दिन बाकि है। साथ ही एक दिन बाद 9 मई को मालदीव के विदेश मंत्री मुसा अमीर भारत दौरे पर आ रहे हैं।
इससे पहले मालदीव ने बताया था कि भारतीय सैनिकों के दो जत्थों ने देश छोड़ दिया था। हालांकि उस समय भी देश छोड़ने वाले सैनिकों की सटीक संख्या नहीं सामने आई थी। दरअसल मालदीव की मुझज्जु सरकार ने भारतीय सैनिकों को10 मई तक मालदीव छोड़ने की डेडलाइन दी है।
मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने दी जानकारी
मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की प्रवक्ता हीना वलीद ने सोमवार को सवालों का जबाव देते हुए कहा कि मालदीव में दो प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद 51 भारतीय सैनिक वापस भारत लौट गए हैं। बाकि सैन्यकर्मी भी 10 मई तक भारत लौट जाएंगे।
हालांकि उन्होंने मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की सही संख्या का खुलासा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ये जानकारियां बाद में बताई जाएंगी। दरअसल मालदीव सरकार की पिछली घोषणाओं के मुताबिक देश में दो हेलिकॉप्टर्स और एक डॉर्नियर विमान के संचलान के लिए 88 भारतीय सैनिक तैनात थे।
भारतीय सैनिकों को क्यों हटा रहा मालदीव ?
पिछले साल सितंबर में मालदीव में हुए आम चुनावों में राष्ट्रपति मुइज्जु ने इंडिया आउट कैंपेन चलाया था। उन्होंने कहा था कि वे राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकाल देंगे। उन्होंने चुनाव जीतने के 2 दिन बाद ही भारतीय सैनिकों को मालदीव छोड़ने का आदेश निकाल दिया।
मालदीव में क्या कर रहे हैं भारतीय सैनिक
मालदीव में करीब 88 भारतीय सैनिक हैं। ये दो हेलिकॉप्टर और एक एयरक्राफ्ट का ऑपरेशन संभालते हैं। आमतौर पर इनका इस्तेमाल रेस्क्यू या सरकारी कामों में किया जाता है। मालदीव में इंडियन हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट मानवीय सहायता और मेडिकल इमरजेंसी में वहां के लोगों की मदद करते रहें। इन ऑपरेशन को संभालने के लिए ही टेक्निकल स्टाफ भेजा गया है।
भारत ने मालदीव को 2010 और 2013 में दो हेलिकॉप्टर और 2020 में एक छोटा विमान तोहफे के तौर पर दिया था। इस पर मालदीव में काफी हंगामा हुआ। मुइज्जू के नेतृत्व में विपक्ष ने तत्कालीन राष्ट्रपति सोलिह पर 'इंडिया फर्स्ट' नीति अपनाने का आरोप लगाया था।
मुइज्जू ने कहा था- भारतीय सैनिकों को निकालना मालदीव के लोगों की इच्छा
जनवरी की शुरुआत में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में मालदीव में भारत की सैन्य मौजूदगी के मुद्दे पर मुइज्जू ने कहा था कि इस साल के राष्ट्रपति चुनावों में मालदीव के लोगों ने यह साफ कर दिया था कि वे देश में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी नहीं चाहते हैं।
फिलहाल, भारत ही ऐसा देश है, जिसके सैनिक यहां मौजूद हैं। मालदीव के नागरिकों की इच्छा को देखते हुए ही मैंने भारत से अपने सैनिकों को हटाने के लिए कहा है। मुझे पूरा भरोसा है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत मालदीव के लोगों की इच्छा का सम्मान करेगा। मेरा मानना है कि हमारे द्विपक्षीय रिश्ते इतने मजबूत हैं कि दोनों देश बातचीत के जरिए इस मसले का हल निकाल सकें।