मस्जिद में 5 साल के बच्चे को बताया जाता है कत्ल करना...हमास लीडर के बेटे ने उठाया सच से पर्दा
Updated on
13-10-2023 01:56 PM
तेल अवीव: हमास की वजह से गाजा में आज हर तरफ तबाही का मंजर है। इजरायल की तरफ से लगातार गाजा पर हमले हो रहे हैं। अब तक दोनों तरफ करीब तीन हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच एक वीडियो सामने आया है जो हमास के संस्थापकों में से एक रहे शेख हुसैन यूसुफ के बेटे मोसाब हुसैन युसुफ ने इसकी हकीकत बयां की है। हुसैन युसुफ की मानें तो हमास का मकसद सिर्फ मौत की पूजा करना है। जब उन्होंने हमास को छोड़ने का फैसला किया तो उन्हें संगठन ने भगोड़ा घोषित कर दिया था। मोसाब हसन यूसुफ ने शिन बेट के लिए मुखबिर के तौर पर 10 साल वर्षों तक काम किया है। शिन बेट इजरायल की वह आतंरिक सुरक्षा एजेंसी है जो हमास की गतिविधियों पर नजर रखती है।
क्यों छोड़ा संगठन मोसाब हसन का जो वीडियो आया है वह साल 2014 का है। उस समय भी इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जंग छिड़ी हुई थी। इस जंग में हमास की तरफ से लगातार हमले किए जा रहे थे। उन्होंने तब सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि गाजा पर शासन करने के लिए मानव जीवन का कोई महत्व नहीं है। उनसे पूछा गया था कि वह हमास के अगले नेता के तौर पर जाना जा रहा था फिर उन्होंने संगठन को छोड़ने का फैसला क्यों किया?
हसन ने कहा, 'बहुत ही साधारण वजहों से। हमास को फिलिस्तिनियों, इजरायलियों या फिर अमेरिकियों की जिंदगी की कोई चिंता नहीं है। वो अपनी ही जिंदगी की परवाह नहीं करते हैं। वो अपनी विचारधारा के लिए मरना भी पसंद करते हैं जो बस मौत की पूजा की विचारधारा है। ऐसे में आप कैसे सोच सकते हैं कि आप उस समाज के साथ जुड़े रहेंगे।'
पिता ने अस्वीकारा संगठन छोड़ने के बाद यूसुफ के पिता ने भी उन्हें अपनी संतान बेटा मानने से इनकार कर दिया था। अब उन्होंने क्रिश्चियन धर्म स्वीकार कर लिया है और अमेरिका में रहते हैं। उनसे पूछा गया कि क्या वह ऐसे किसी के साथ रहना पसंद करेंगे जिसका एकमात्र लक्ष्य बस विनाश है? इस पर उनका जवाब था, 'हमास को साथ रहने में और समझौता करने में कोई रूचि नहीं है। हमास को बस जीत और कब्जा करने में यकीन है।' यूसुफ की मानें तो हमास सिर्फ इजरायल के विनाश पर ही नहीं रुकेगा। हमास का अंतिम लक्ष्य इस्लामिक खलीफा की स्थापना करना है जो सभ्यता के मलबे पर तैयार होगा। हमास सिर्फ इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है।
इस्लामिक विचारधारा का समर्थक युसूफ ने हमास पर एक किताब लिखी है जिसका टाइटल है 'सन ऑफ हमास' और इसमें उन्होंने संगठन के तरीकों के बारे में बताया है। यूसुफ ने इसमें लिखा है कि हमास युद्ध के हथियार के तौर पर मासूमों को निशाना बनाती है। युसूफ जिनका जीवन वेस्ट बैंक में बीता है, उन्होंने इस पर विस्तार से जानकारी दी। युसूफ ने बताया कि मस्जिदों में हमास ने उन्हें बस यही सिखाया कि बिना मासूमों का खून बहाए हुए और विचारधारा की रक्षा किए इस्लामिक देश की स्थापना नहीं की जा सकती है। संगठन पांच साल के बच्चों को इसके लिए तैयार करता है और उनके दिमाग में इसी विचारधारा को मजबूत करता है। युसूफ ने गंवाया सबकुछ यूसूफ की मानें तो किसी के लिए हमास का असली चेहरा देखना और सच का सामना करना बहुत ही मुश्किल है। साथ ही एक बार इसमें आने के बाद इसे छोड़ना भी असंभव है। यूसुफ की मानें तो उन्होंने हमास को छोड़ने का फैसला किया और अपना सबकुछ गंवा दिया। आज जब वह गाजा के लोगों को देखते हैं और समझते हैं कि उनके दिमाग में क्या जहर भरा जा रहा है तो उन्हें काफी अफसोस होता है।
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