नॉर्थ कोरिया में किम जोंग उन की तानाशाह सरकार ने 30 नाबालिग छात्रों को सरेआम गोली मार दी। इन छात्रों पर आरोप था कि उन्होंने साउथ कोरिया में बने सीरियल देखे थे, जिन्हें कोरियन ड्रामा या के-ड्रामा कहा जाता है। कोरियाई अखबार 'जोंगआंग डेली’ के मुताबिक घटना पिछले हफ्ते की है जिसकी जानकारी अब सामने आई है।
साउथ कोरिया के स्थानीय टीवी चैनल 'चोसुन' के मुताबिक छात्रों ने पेन ड्राइव में स्टोर किए गए कई साउथ कोरियान ड्रामा देखे थे। इन पेन ड्राइव्स को पिछले महीने सिओल से गुब्बारों के जरिए नॉर्थ कोरिया भेजा गया था।
'जापान, कोरियन और अमेरिकन ड्रामा पर बैन'
उत्तर कोरिया में जापान, कोरियन और अमेरिकन ड्रामा पर बैन है। वहां केवल रूस का सिनेमा या फिर जिसे सरकार सही मानती है, वही दिखाया जाता है।
नॉर्थ कोरिया के दिसंबर 2020 में लागू हुए रिएक्शनरी आइडियोलॉजी एंड कल्चर रिजेक्शन एक्ट के तहत साउथ कोरियन मीडिया को लोगों तक पहुंचाने वाले को मौत की सजा और देखने वालों के लिए 15 साल तक जेल की सजा का प्रावधान है।
इस कानून के तहत किताबें, गीत और तस्वीरें भी शामिल हैं। इसमें एक नियम के तहत साउथ कोरिया की भाषा और गाना गाने के तरीके का इस्तेमाल करने पर दो साल तक जबरन मजदूरी कराई जा सकती है।
पिछले महीने भी 17 साल के करीब 30 नाबालिगों को आजीवन कारावास और मौत की सजा सुनाई गई थी। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी में दो नाबालिगों के पास कोरियन वीडियो मिली थी, जिसके बाद उन्हें 12 साल की कठोर मजदूरी की सजा सुनाई गई थी।
70 कोरियन गाने मिलने पर लड़के की पीट-पीटकर हत्या
इस साल 22 साल एक लड़के पास से 70 से ज्यादा कोरियन गाने मिले थे, जिसके बाद उसे मौत की सजा मिली थी। लेकिन वह भाग गया। इसके अगले ही दिन उसके घर से उसकी लाश मिली, जो देखने में ऐसी लगी रही थी कि उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है।