नई दिल्ली । कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन के लिए 12 देशों ने भारत से मदद मांगी है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ विनोद के पॉल ने कोविड-19 संबंधी उच्च स्तरीय मंत्री समूह (जीओएम) की बैठक में यह बात कही। बाद में पॉल ने एक विस्तृत प्रस्तुति के जरिए जीओएम को टीकाकरण के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं (वैक्सीन ट्रायल, वैक्सीन निर्माता कंपनी व वैक्सीन की उपलब्धता और उसके रखरखाव) से अवगत कराया। जीओएम की यह बैठक ऐसे दिन हुई जब देश में कोरोना वायरस से संक्रमण की कुल संख्या एक करोड़ से अधिक हो गई। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को जोर दिया कि संपूर्ण लक्षित आबादी को कवर करने के लिए एक त्वरित कोविड-19 टीकाकरण अभियान की आवश्यकता है। एक अनुमान के अनुसार ऐसे लोगों की संख्या करीब 30 करोड़ है। हर्षवर्धन शनिवार को जीओएम की 22 वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा,भारत में कोविड-19 महामारी की वृद्धि दर दो प्रतिशत तक गिर गयी है और मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम 1.45 प्रतिशत है। हर्षवर्धन ने कहा, "भारत में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 95.46 प्रतिशत हो गई है, जबकि दस लाख नमूनों के परीक्षण की रणनीति से संचयी सकारात्मकता दर घटकर 6.25 प्रतिशत हो गई है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि अक्टूबर और नवंबर में त्योहारों के बावजूद व्यापक परीक्षण, निगरानी और उपचार की नीति के कारण मामलों में कोई नया उछाल नहीं दिखा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे उचित कोविड व्यवहार बनाए रखें। विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी बैठक में शामिल हुए। प्रधान मंत्री के सलाहकार अमरजीत सिन्हा और भास्कर खुल्बे भी इस बैठक में डिजिटल तरीके से शामिल हुए। एनसीडीसी के निदेशक डॉ सुजीत के सिंह ने एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की कि किस प्रकार डेटा आधारित सरकारी नीतियों से भारत को महामारी पर महत्वपूर्ण नियंत्रण हासिल करने में मदद मिली। उन्होंने देश में कुल कोविड-19 इकाइयों के संबंध में भी आंकड़े पेश किए। इसके अनुसार कुल 15,359 ऐसी इकाइयां हैं, जबकि 15 लाख से अधिक पृथकवास बेड, 2.70 लाख ऑक्सीजन की सुविधा वाले बेड, 80,727 आईसीयू बेड और 40,575 वेंटिलेटर मौजूद हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महामारी पर काबू के लिए एक अहम कारक के रूप में आबादी के बीच स्वास्थ्य संबंधी आचरण के महत्व पर गौर किया।