योग निद्रा (Yoga Nidra) भारत में उत्पन्न ध्यान की एक प्राचीन शैली है और योग निद्रा संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है योग व निद्रा। योग का अर्थ है मिलन या एकाग्र सजगता और निद्रा का अर्थ गहरी नींद है। योग निद्रा में, आप सचेत आराम की गहरी अवस्था में चले जाते हैं जो आपको अपने सहज ज्ञान, रचनात्मकता और शरीर में नवीन ऊर्जा को सरंक्षित करने में सक्षम बनाता है। यह मानसिक नींद या नींद की जागरूकता की तकनीक है। इस अभ्यास को कई बातों के रूप में वर्णित किया जा सकता है जैसे कि आत्म-प्राप्ति और सचेतन विश्राम की एक व्यवस्थित पद्धति।
योग निद्रा में, आप बिल्कुल सो नहीं जाते हैं, लेकिन आप एक गहरी विश्राम अवस्था और एक संयुक्त सतर्कता जागरूकता में चले जाते हैं। योग निद्रा ध्यान के अभ्यास को रोजान करने से आपका मन और मस्तिष्क दोनों तरोताजा रहते हैं। इस मेडिटेशन में जागरूकता के साथ आराम करना, सहज रहना और सचेतन रूप से शरीर को आराम देना होता है।
योग निद्रा मूल रूप से योगियों द्वारा खोजा और विकसित किया गया है, जो कि सोने और जागने के बीच की एक अवस्था है। वास्तव में बेहोश सोने की जगह विश्राम के लाभों को प्राप्त करने का एक तरीका है। आधुनिक समय में, यह तकनीक हमारी आधुनिक व्यस्त जीवन शैली के लिए एक एंटीडॉट के रूप में काम करती है जो हर रोज़ तनाव के साथ जमा होती है। 30 मिनट की योग निद्रा (Yoga Nidra) 3 घंटे की नींद के बराबर होती है।
इसके अलावा, किसी भी योगासन की समाप्ति योग निद्रा करके ही की जाती है। इस अभ्यास में शवासन (योग में शव मुद्रा) में लेट जाते हैं और चेतना और नींद के बीच आराम करते हुए आराम की स्थिति को बनाए रखते हैं।
योग निद्रा को योग गुरुओं और न्यूरोसाइंटिस्टों द्वारा समर्थन प्राप्त है। योग निद्रा करने से मानसिक नियंत्रण और कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। यह हार्मोन को नियंत्रित करने, ग्लूकोज के स्तर को स्थिर करने और पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएस) को कम करने में मदद करता है।
योग निद्रा, ध्यान की सबसे सरल तकनीक है। इस ध्यान को कहीं भी किया जा सकता है। किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में किसी भी ध्यान अभ्यास को शुरू करना हमेशा सबसे अच्छा होता है।