हाइब्रिड मोड में वर्क-लाइफ बैलेंस ज्यादा
जीआई ग्रुप होल्डिंग की कंट्री मैनेजर (इंडिया) सोनल अरोड़ा ने कहा, 'हाइब्रिड मोड में कर्मचारी अधिक लचीलापन और वर्क लाइफ बैलेंस पा सकते हैं। इसलिए वे फुल वर्क फ्रॉम ऑफिस की बजाय हाइब्रिड सिस्टम या वर्क फ्रॉम होम को पसंद करते हैं। कुछ करने की अनिवार्यता होने की बात कर्मचारियों पर बोझ डालती है और उन्हें कम सुरक्षित महसूस कराती है।'मनोवैज्ञानिक रूप से भी सेफ हो वर्कप्लेस
पब्लिसिस सैपिएंट में भारत और एशिया-प्रशांत की डायरेक्टर विशाखा दत्ता ने कहा, 'वास्तव में समावेशी संगठन वे हैं, जो ऐसा वातावरण बनाते हैं, जहां कर्मचारी काम करने में सहज महसूस करता है। इसके लिए सेफ स्पेस चाहिए होता है- सिर्फ फिजिकली ही नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी।' कंपनियों के अनुसार वर्कप्लेस के बारे में पूर्वाग्रह, मिसकंडक्ट और बार-बार या अचानक छुट्टी लेना सबसे बड़े खतरे हैं, जो मनोवैज्ञानिक रूप से असुरक्षित वर्कप्लेस का संकेत देते हैं। दत्ता ने कहा, 'पारंपरिक रूप से वंचित और हाशिए पर रहने वाले ग्रुप्स के लोगों को मनोवैज्ञानिक सुरक्षा की सबसे अधिक जरूरत होती है। यह जरूरी है कि वर्कप्लेस पर विविधता वाली वर्कफोर्स हो, क्योंकि इससे समग्र दृष्टिकोण मिलता है।'