इंडोनेशिया के माउंट रुआंग में 17 अप्रैल से लगातार ज्वालामुखी विस्फोट हो रहे हैं। ज्वालामुखी को देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट आ रहे हैं। इस बीच सोमवार (22 अप्रैल) एक चीनी महिला की ज्वालामुखी को देखने के दौरान मौत हो गई।
ब्रिटिश मीडिया द इंडिपेंडेंट के मुताबिक, चीनी महिला सूर्योदय में ज्वालामुखी देखने के लिए इजेन क्रेटर के किनारे पर चढ़ गई। इजेन क्रेटर एक पहाड़ है, जिससे ज्वालामुखी साफ दिखता है। यह पहाड़ दुनियाभर में 'ब्लू फायर' नाम से जाना जाता है।
पुलिस के मुताबिक, 31 साल की महिला का नाम हुआंग लिहोंग था जो चीन से घूमने के लिए इंडोनेशिया आई थी। वो ज्वालामुखी की कुछ फोटो क्लिक कर रही थी, तभी उसका पैर उसी के कपड़ों में फंस गया। वह कपड़ों को ठीक कर रही थी, उसी समय संतुलन बिगड़ने से वो चट्टान से गिर गई।
लापरवाही से गई जान
हुआंग लिहोंग अपने पति झांग योंग के साथ आई थी। शुरुआती जांच से पता चला है की हुआंग की मौत इजेन क्रेटर पहाड़ की 75 मीटर ऊंचाई से गिरने से हुई है। उनके साथ मौजूद टूर गाइड ने कहा कि उसने महिला को कई बार चेतावनी दी थी और पहाड़ के किनारे से दो से तीन मीटर की दूरी बनाए रखने को भी कहा था। लेकिन महिला ने उसकी बात नही मानी।
वो एक पेड़ के पास जाकर फोटो लेने लगी। तभी उसका कपड़ों में पैर फंसा और वो गिर गई। अब तक ये बात सामने नही आई है की महिला ने स्कर्ट पहनी हुई थी या लॉन्ग ड्रेस।
2 भूकंप आने से ज्वालामुखी फटा
इंडोनेशिया में आपदा केंद्र अलर्ट मोड पर है। डिजास्टर मैनेजमेंट के अधिकारियों का कहना है कि माउंट रुआंग के पास हाल ही में 2 भूकंप आए थे। इसकी वजह से टेक्टोनिक प्लेट्स अस्थिर हो गईं, जो ज्वालामुखी फटने का कारण बनीं।
अधिकारियों ने बताया कि लोगों को रेस्क्यू करने के लिए 20 बचावकर्मियों को तैनात किया गया है। इंडोनेशिया की वोल्कैनो एजेंसी ने खतरे को देखते हुए लेवल 4 की चेतावनी जारी की थी। इसके अलावा ज्वालामुखी के पास के 6 किमी क्षेत्र को एक्सक्लूजिव जोन घोषित किया गया है।
इंडोनेशिया में 120 एक्टिव वोल्कैनो
इंडोनेशिया के जियोलॉजिकल एजेंसी के अध्यक्ष ने बताया, "रुआंग ज्वाल्मुखी फटने के बाद आसमान में 2 किमी की ऊंचाई तक राख का गुबार उठा था। दूसरे विस्फोट के बाद यह ऊंचाई 2.5 किमी हो गई।"
अलजजीरा के मुताबिक, इंडोनेशिया 'रिंग ऑफ फायर' के क्षेत्र में आता है। यहां पैसेफिक महासागर के करीब हॉर्स-शू के शेप की टेक्टॉनिक फॉल्ट लाइन्स हैं। देश में 120 एक्टिव वोल्केनो मौजूद हैं।
2018 में ज्वालामुखी से आई थी सुनामी
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में इंडोनेशिया के मारापी ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था। इस दौरान 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी। 2,891 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित ज्वालामुखी ने लगभग 3 किलोमीटर की ऊंचाई तक राख फेंकी थी।
साल 2018 में, इंडोनेशिया के क्राकाटाऊ ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण पहाड़ के कुछ हिस्से समुद्र में गिर गए थे। इसके बाद सुमात्रा और जावा के तटों पर सुनामी आई थी, जिसमें 430 लोग मारे गए थे।
ज्वालामुखी क्या होता है?
ज्वालामुखी धरती की सतह पर मौजूद प्राकृतिक दरारें होती हैं। इनसे होकर धरती के आंतरिक भाग से पिघला हुआ पदार्थ जैसे मैग्मा, लावा, राख आदि विस्फोट के साथ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी पृथ्वी पर मौजूद 7 टेक्टोनिक प्लेट्स और 28 सब टेक्टोनिक प्लेट्स के आपस में टकराने के कारण बनते हैं। दुनिया का सबसे एक्टिव ज्वालामुखी माउंट एटना इटली में है।