छह महीने तक नहीं मिलेगा अनचाहे कॉल्स और मैसेज से छुटकारा, टेलिकॉम कंपनियों को मिली मोहलत
Updated on
19-06-2023 08:15 PM
नई दिल्ली: अनचाहे कॉल्स और मैसेज से देश का लगभग हर मोबाइल यूजर परेशान रहता है। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने ग्राहकों को अनचाहे कॉल्स और मैसेज से मुक्ति दिलाने के लिए टेलिकॉम कंपनियों को एआई आधारित DCA (Digital Consent Acquisition) प्लेटफॉर्म तैयार करने को कहा था। इसके लिए TRAI ने टेलिकॉम कंपनियों को कुल दो महीने का वक्त दिया था। तब कहा गया था कि एक मई के बाद अनचाहे कॉल/मैसेज बंद हो जाएंगे। लेकिन अनचाहे कॉल और मैसेज से छुटकारा पाने के लिए आपका इंतजार लंबा हो सकता है। इसकी वजह यह है कि ट्राई ने व्यावसायिक कॉल या मैसेज भेजने वाली संस्थाओं और मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स को अनचाहे कॉल और मैसेज की पहचान और इन्हें ब्लॉक करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार करने के वास्ते 30 नवंबर तक का समय दिया है।
ट्राई ने व्यावसायिक और सरकारी संस्थाओं को ग्राहकों की सहमति से कॉल या मैसेज भेजने की छूट दी है। लेकिन इसके लिए उन्हें ग्राहकों की सहमति लेनी होगी। बैंक, बीमा, फाइनेंस और व्यापारिक संस्थाएं ग्राहकों से सहमति लेने का काम 30 सितंबर तक पूरा कर लेंगी। बाकी संस्थाओं को इसके लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया है। जानकारों के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियों ने छह महीने का समय केवल प्लेटफॉर्म तैयार करने के लिए मांगा है। इसलिए कॉल से छुटकारा पाने में कितना समय लगेगा, इस बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। इसकी वजह यह है कि सबसे ज्यादा कॉल नॉन-रजिस्टर्ड एंटिटीज ही ही करती हैं। उन्हें ब्लॉक करने का काम ग्राहक से शिकायत मिलने के बाद ही होगा।
कैसे तैयार होगा प्लेटफॉर्म
ट्राई ने मैसेज भेजने वाली संस्थाओं से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वही मैसेज भेजे जाएं जो ग्राहक चाहता है। साथ ही टेलिकॉम ऑपरेटर्स से कहा गया है कि ग्राहकों को भेजे जाने वाले मैसेज में यह संदेश होना चाहिए कि वे अवांछित मैसेज कैसे रोक सकते हैं। 31 जुलाई 2023 तक टेलिकॉम कंपनियां डिजिटल सहमति के लिए जरूरी प्लेटफॉर्म तैयार करेंगी। इसके बाद एक अगस्त से कॉल/ मैसेज के लिए डिजिटल सहमति लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। सहमति देने वालों के कॉल बैक नंबर की सूची 31 अगस्त तक तैयार होगी। इसके बाद एक सितंबर से व्यावसायिक संस्थाएं ग्राहकों से सहमति लेने लगेंगी। 30 सितंबर बैंक, बीमा, वित्त और व्यापारिक संस्थाएं प्लेटफॉर्म तैयार कर लेंगी। 30 नवंबर तक दूसरी सभी संस्थाएं प्लेटफॉर्म तैयार कर लेंगी।
ग्राहकों के पास कॉल या मैसेज के लिए सहमति कैंसल करने का अधिकार होगा। कंपनियों को 24 घंटे सातों दिन यह सुविधा देनी होगी। साथ ही कंपनियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जिन यूजर्स ने सहमति नहीं दी है, उन्हें कोई कॉल/मैसेज न जाएं। कॉल और मैसेज का व्यावसायिक प्रयोग करने वाली संस्थाओं को शिकायत का फॉर्मेट बताना होगा। ग्राहकों का डेटा इस्तेमाल करने वाली संस्थाओं को ग्राहक का सहमति पत्र अपने रेकॉर्ड में रखना होगा। सहमति लेने से पहले संस्थाओं को ग्राहकों को भेजे जाने वाले कंटेंट की जानकारी देनी होगी। ग्राहक को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से एक ओटीपी भेजा जाएगा। ओटीपी डालकर जब ग्राहक मंजूरी देगा, उसके बाद ही कॉल/एसएमएस भेजे जाएंगे।
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