Select Date:

अपने बॉस के लिए क्यों खास हैं ये नेता, जानिए रूस और चीन ने जी20 के लिए इन्‍हें क्‍यों भेजा भारत

Updated on 11-09-2023 01:47 PM
पूनम पाण्‍डे, मंजरी चतुर्वेदी, बीजिंग/ मॉस्‍को: भारत में G20 सम्मेलन समाप्त हो गया। इसमें 29 देशों के राष्ट्राध्यक्ष आए। लेकिन रूस और चीन की ओर से न व्लादिमीर पूतिन आए न ही शी चिनफिंग। रूस ने अपने विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को सम्मेलन में भाग लेने भेजा तो चीन ने अपने प्रधानमंत्री ली कियांग को। ये दोनों ही नेता पिछले कई दशकों से अपने देश की राजनीति में सक्रिय हैं। दोनों ने ही अपने देशों के मुखिया के दिल में खास जगह पाई हुई है। इन दोनों को कई बार कई अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलन में पुतिन और जिनपिंग के साथ देखा गया है।

तैराकी और गिटार के शौकीन हैं लावरोव
G20 समिट में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन की जगह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव आए। जब से रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ है तब से पूतिन सिर्फ सोवियत यूनियन का हिस्सा रहे अपने पड़ोसी देशों और ईरान के दौरे पर ही गए हैं। ग्लोबल फोरम में उनकी जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ही रूस का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। विश्व में रूसी नैरेटिव को आगे बढ़ाने में इनका बड़ा योगदान रहा है। कड़े अंदाज में बोलने वाले लावरोव सामान्य राजेनता की तरह कूटनीतिक भाषा में बात नहीं करते बल्कि सीधा बोलते हैं। पिछले दिनों वह तब चर्चा में आए जब यूक्रेन पर यूरोपीय देशों की आलोचना के बाद साफ-साफ कहा कि अगर किसी देश ने रूस पर दबाव बनाया तो वह सम्मेलन में सहमति को ब्लॉक कर देंगे।

पुतिन के सबसे भरोसेमंद
लावरोव को पूतिन का सबसे भरोसेमंद मंत्री कहा जाता है। वह लगातार 19 साल से रूस के विदेश मंत्री बने हुए हैं। 73 साल के लावरोव शादीशुदा हैं। उनकी एक बेटी है। उन्हें फुटबॉल खेलने के अलावा तैराकी करने और गिटार बजाने का भी शौक है। वह कविताएं भी लिखते हैं। लावरोव 1950 में मॉस्को में पैदा हुए। उन्होंने इलीट स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल रिलेशन से ग्रैजुएशन किया। पिछले दिनों उनके व्यक्तिगत जीवन को लेकर उनकी ही सरकार के एक सीनियर अधिकारी का बयान बहुत चर्चित हुआ था। उनके डिप्लोमेटिक करियर की शुरुआत 1971 से हुई। साल 1991 में जब सोवियत संघ का विघटन हुआ उस वक्त लावरोव रूस के विदेश मंत्रालय में अंतरराष्ट्रीय विभाग के प्रमुख थे। 1994 में वह यूनाइडेट नेशंस के लिए रूस के एंबेसडर बने।

धूम्रपान बैन का विरोध
जब 2003 में तत्कालीन यूनाइटेड नेशंस सेक्रेटरी जनरल कोफी अन्नान ने यूएन हेडक्वॉर्टर में स्मोकिंग पर बैन लगाने की कोशिश की तो रूस के तत्कालीन एंबेसडर लावरोव ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि यूएन जनरल सेक्रेटरी अकेले इसका फैसला नहीं ले सकते, यूनाइटेड नेशंस की बिल्डिंग सभी सदस्यों की है। 2004 में जब व्लादिमीर पूतिन रूस के राष्ट्रपति बने तो लावरोव को विदेश मंत्री बनाया गया। 2004 से अब तक दूसरे विभागों के कई मंत्री बदल चुके हैं लेकिन वह लगातार विदेश मंत्री बने हुए हैं। रूस में आंद्रेई ग्रोमीको के बाद वह सबसे लंबे वक्त तक विदेश मंत्री रहने वाले शख्स हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक लावरोव के पास 60 करोड़ रूबल (रूसी करेंसी) की संपत्ति है और उनकी सालाना आय 45 लाख रूबल है।

पंप स्टेशन पर काम करते थे ली कियांग
चीन के प्रीमियर यानी प्रधानमंत्री ली कियांग चीन सरकार में ही नहीं, कम्युनिस्ट पार्टी और देश की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमिटी में भी राष्ट्रपति चिनफिंग के बाद नंबर दो की हैसियत रखते हैं। ली कियांग, राष्ट्रपति शी चिनफिंग के सबसे करीबी और वफादार लोगों में गिने जाते हैं। कहा जाता है कि कोविड महामारी की मार से जूझती चीनी इकॉनमी को उबारने और आर्थिक प्रबंधन के लिए ही शी ने मार्च 2023 में ली को प्रीमियर पद की जिम्मेदारी सौंपी। 1976 के बाद ली पहले ऐसे प्रीमियर हैं, जो वाइस प्रीमियर बने बिना ही इस पद पर पहुंचे हैं। ली कियांग ने पार्टी में विभिन्न पदों पर रहते हुए कई जिम्मेदारियां निभाईं। वह 2017 से 2022 तक शंघाई में पार्टी सेक्रेटरी थे, जहां उन्होंने कारोबारी नीतियों के लिए सकारात्मक माहौल बनाने के साथ-साथ कोविड महामारी का प्रबंधन किया।

जिनपिंग के प्रांत से आते हैं ली

शी और ली दोनों ही झेजियांग प्रांत से आते हैं। ली का जन्म 1959 में झेजियांग के रुईआन इलाके में हुआ था। ली इस इलाके के मायू जिले में एक सिंचाई वाले पंप स्टेशन में वर्कर के तौर पर काम करते थे। झेजियांग की एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी से उन्होंने एग्रिकल्चरल मैकेनाइजेशन की पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने सोशियॉलजी और मैनेजमेंट इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। 2005 में उन्होंने हॉन्गकॉन्ग पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। कोविड लॉकडाउन के दौरान शंघाई की इकॉनमी में आए जबरदस्त अवरोधों और वहां के 2.5 करोड़ निवासियों को हुई दिक्कतों के चलते ली को आम लोगों की खासी नाराजगी और आलोचना झेलनी पड़ी थी। ली कियांग ने अपना सियासी सफर छात्र जीवन में ही शुरू कर दिया था।

आर्थिक सुधारों के समर्थक
1983 में वह रुईआन काउंटी में कम्युनिस्ट पार्टी के यूथ लीग के सेक्रेटरी बने। उसके बाद वह पार्टी के अलग-अलग पदों से होते हुए आज सत्तारूढ़ दल में नंबर दो की हैसियत तक पहुंचे हैं। उन्हें चीन में कारोबारी हितों और आर्थिक सुधारों के समर्थक के तौर पर देखा जाता है। वह लगातार प्राइवेट सेक्टर और सर्विस सेक्टर के विकास पर जोर देते रहे हैं। चीन के सीनियर राजनीतिज्ञों से उलट ली हमेशा अपनी स्थानीय पहचान और पृष्ठभूमि को महत्व देने में विश्वास करते हैं। वानजाउ शहर से आने वाले ली ने खु़द को वानजाउनी करार दिया है। अपने शहर के विकास के लिए उन्होंने वर्ल्ड वानजाउ कॉन्फ्रेंस का गठन किया, जो ग्लोबल वानजाउ डायस्पोरा को अपने शहर में निवेश करने के लिए प्रेरित करता है। ली की पत्नी एक रिटायर्ड नौकरशाह हैं। उनकी बेटी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ती हैं।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 19 November 2024
हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री बनाई गई हैं। इस पद पर पहुंचने वाली वह श्रीलंका की तीसरी महिला नेता हैं। वे 2 महीने पहले श्रीलंका में बनी अंतरिम सरकार…
 19 November 2024
ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में सोमवार को 19वीं G20 समिट की शुरुआत हो गई है। G20 समिट दो दिन 18 और 19 नवंबर को होगी। पहले दिन प्रधानमंत्री…
 19 November 2024
पंजाब के जालंधर से संबंध रखने वाले पंजाबी सिंगर गैरी संधू पर ऑस्ट्रेलिया में एक शो के दौरान विवाद के बाद हमला किया गया। संधू के शो में आए एक…
 19 November 2024
इस दिन इंडोनेशिया की मेजबानी में G20 समिट का आखिरी दिन था। साझा घोषणा पत्र जारी होना था, लेकिन तभी यूक्रेन जंग को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनातनी…
 19 November 2024
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपना पद छोड़ने से दो महीने पहले एक बड़ा फैसला लेते हुए यूक्रेन को रूस के ठिकानों पर हमले करने के लिए लंबी दूरी की…
 19 November 2024
ब्राजील की राजधानी रियो डि जेनेरियो में सोमवार को G20 समिट के पहले दिन PM नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड लीडर्स से द्विपक्षीय मुलाकातें की। मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल…
 18 November 2024
तेल अवीव: हमास के वरिष्ठ सदस्य कथित तौर पर तुर्की में मौजूद हैं। रविवार को इजरायल के सरकारी टीवी KAN ने एक रिपोर्ट में बताया है। कुछ दिनों पहले यह रिपोर्ट…
 18 November 2024
रियाद: सऊदी अरब की सरकार ने धार्मिक और राष्ट्रीय प्रतीकों के इस्तेमाल पर अहम फैसला लिया है। सऊदी ने निजी और कारोबारी इस्तेमाल के लिए धार्मिक और राष्ट्रीय प्रतीकों के…
 18 November 2024
वेलिंग्टन: न्यूजीलैंड में खालिस्तानियों को एक बड़ा झटका लगा है। ऑकलैंड में आयोजित एक विवादास्पद कथित खालिस्तान जनमतसंग्रह के बाद न्यूजीलैंड की सरकार ने बड़ा बयान दिया है। न्यूजीलैंड की सरकार…
Advertisement