आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दास नवंबर 2016 में उच्च मूल्य के नोटों को बंद करने के फैसले में शामिल थे। इस फैसले का उद्देश्य काला धन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाना था। कई लोगों ने इस कदम की आलोचना की, लेकिन दास ने इसका बचाव किया। उन्होंने कहा था कि देश में काले धन और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए यह जरूरी था।
दास ने 1 जुलाई 2017 को लागू हुए GST को लागू करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। GST ने कई अप्रत्यक्ष करों को बदल दिया। इसका उद्देश्य कर ढांचे को सरल बनाना और कर अनुपालन को बढ़ाना था। GST के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने में दास महत्वपूर्ण थे।
IMF, G20 और BRICS में कर चुके हैं भारत का प्रतिनित्व
दास कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी शामिल रहे हैं। उन्होंने IMF, G20 और BRICS में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। 1991 में भारत के लिए $22 बिलियन के IMF बेलआउट पैकेज पर बातचीत में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हैम्बर्ग और ब्यूनस आयर्स में G20 बैठकों में दास भारत के शेरपा भी थे।
RBI के गवर्नर के रूप में दास ने वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर फोकस किया। उन्होंने गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में लिक्विडिटी की कमी को दूर करने के लिए कई उपाय किए। बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए।
अब पीएमओ में देंगे सेवाएं
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केंद्र सरकार ने पूर्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया है। दास की नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक जारी रहेगी। पीके मिश्रा प्रधान सचिव-1 के पद पर रहेंगे। शक्तिकांत दास ने 10 दिसंबर, 2024 को आरबीआई गवर्नर का कार्यकाल पूरा किया था।
दास ने 1 जुलाई 2017 को लागू हुए GST को लागू करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। GST ने कई अप्रत्यक्ष करों को बदल दिया। इसका उद्देश्य कर ढांचे को सरल बनाना और कर अनुपालन को बढ़ाना था। GST के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने में दास महत्वपूर्ण थे।
IMF, G20 और BRICS में कर चुके हैं भारत का प्रतिनित्व
दास कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी शामिल रहे हैं। उन्होंने IMF, G20 और BRICS में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। 1991 में भारत के लिए $22 बिलियन के IMF बेलआउट पैकेज पर बातचीत में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हैम्बर्ग और ब्यूनस आयर्स में G20 बैठकों में दास भारत के शेरपा भी थे।RBI के गवर्नर के रूप में दास ने वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर फोकस किया। उन्होंने गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में लिक्विडिटी की कमी को दूर करने के लिए कई उपाय किए। बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए।
अब पीएमओ में देंगे सेवाएं
केंद्र सरकार ने पूर्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया है। दास की नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक जारी रहेगी। पीके मिश्रा प्रधान सचिव-1 के पद पर रहेंगे। शक्तिकांत दास ने 10 दिसंबर, 2024 को आरबीआई गवर्नर का कार्यकाल पूरा किया था।