सौरभ नेत्रवल्कर...ये नाम गुरुवार को हुए अमेरिका-पाकिस्तान मैच के बाद से सुर्खियों में है। 32 साल के इस भारतीय मूल के गेंदबाज ने टी-20 वर्ल्ड कप के इस मैच में पाकिस्तान के जबड़े से जीत छीन ली। सौरभ ने फखर जमान, इफ्तिखार अहमद और शादाब खान जैसे बिग-हिटर्स के सामने सुपर ओवर में 18 रन डिफेंड किए।
सौरभ भारत में जन्मे हैं और 2008 की कूच बिहार ट्रॉफी में 30 विकेट लेकर सुर्खियां बटोर चुके हैं। वे 2010 में भारत के लिए अंडर-19 वर्ल्ड कप भी खेल चुके हैं। इस टीम में केएल राहुल, हर्षल पटेल, जयदेव उनादकट और मयंक अग्रवाल जैसे भारतीय सीनियर टीम के प्लेयर्स भी शामिल थे।
मैच में रिजवान और इफ्तिखार को पवेलियन भेजा
सौरभ ने डलास के मैदान पर पहली पारी में बॉलिंग की। उन्होंने दूसरे ओवर में ओपनर मोहम्मद रिजवान को स्टीफन टेलर के हाथों कैच कराया और पाकिस्तान को पहला झटका दिया। उन्होंने फिर 19वें ओवर की पहली बॉल पर इफ्तिखार को LBW किया और पाकिस्तान को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया।
सुपर ओवर में 18 रन डिफेंड किए
20-20 ओवर के खेल के बाद मुकाबला टाई रहने के बाद USA ने सुपर ओवर में पहले बैटिंग की और 18 रन बनाए। इसके बाद अमेरिका के कप्तान मोनांक पटेल ने सौरभ को गेंद थमा दी। उनके सामने आए फखर जमान और इफ्तिखार अहमद। दोनों ही क्रिकेट में बड़े-बड़े शॉट्स लगाने के लिए पहचाने जाते हैं। सौरभ ने यहां वाइड यॉर्कर की लाइन पकड़ कर रखी और 6 गेंद पर 13 ही रन देकर पाकिस्तान को मैच जीतने से रोक लिया।
मुंबई में जन्मे; क्रिकेट के लिए 2 साल जॉब नहीं की, फिर रणजी डेब्यू किया
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज सौरभ नेत्रवल्कर का जन्म 16 अक्टूबर 1991 को मुंबई में हुआ। उन्हें बचपन से क्रिकेट के साथ पढ़ाई करने का शौक था। उन्होंने मुंबई के सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
सौरभ ने एक इंटरव्यू में कहा, '2013 में मुझे पुणे में इंजीनियरिंग की जॉब मिली, तब मैंने फैसला किया कि कम से कम 2 साल तक काम नहीं करूंगा और क्रिकेट को टाइम दूंगा। मैं मुंबई टीम में सिलेक्ट होना चाहता था और उसी साल मैंने मुंबई रणजी टीम से डेब्यू किया।'
मौका नहीं मिला तो क्रिकेट छोड़ा, इस पर ऐप भी बनाया
सौरभ 2 साल तक कोशिश करते रहे, लेकिन मुंबई की रणजी टीम की प्लेइंग-11 के लिए कॉम्प्टिशन इतना था कि टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर सके। उन्हें IPL में भी मौका नहीं मिला। रणजी टीम में जगह पक्की नहीं हुई, आगे भारत के लिए खेलने का कोई रास्ता नजर नहीं आया। इस कारण उन्होंने 23 साल की उम्र में क्रिकेट छोड़ा और पढ़ाई पर फोकस बढ़ा दिया।
सौरभ ने 2015 में बैकअप ऑप्शन के तौर पर यूएस में मास्टर्स डिग्री के लिए एग्जाम दी और पास हो गए। उन्हें न्यूयॉर्क के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिला, यह कंप्यूटर साइंस की टॉप यूनिवर्सिटीज में शामिल हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद सौरभ को अमेरिका की टॉप सॉफ्टवेयर कंपनी ओरेकल में जॉब मिल गई। कंपनी में सौरभ ने क्रिकेट से जुड़ा एक मोबाइल ऐप भी बनाया था।
USA में भी क्रिकेट जारी रखा, 5 दिन नौकरी, 2 दिन क्रिकेट
अमेरिका जाने के बाद भी सौरभ ने क्रिकेट खेलना जारी रखा। वे कॉलेज के एक क्लब से जुड़े और मनोरंजन के लिए खेलने लगे। ओरेकल में नौकरी लगने के बाद सौरभ सैन फ्रांसिस्को चले गए। वहां हर शनिवार-रविवार क्लब क्रिकेट टूर्नामेंट होते थे। सौरभ 5 दिन काम करते और शनिवार-रविवार को मैच खेलते थे। करीब 6 घंटे कार चलाकर शनिवार को लॉस एंजिल्स पहुंचते और रविवार को लौट आते थे।
2018 में सौरभ ने अमेरिका में 3 साल पूरे किए और अमेरिका से खेलने की मान्यता हासिल कर ली। अमेरिकी टीम ट्रेनिंग करने के लिए लॉस एंजिल्स गई, यहां कोच को सौरभ का खेल पसंद आया और उन्होंने सौरभ को टीम में शामिल कर लिया।
2019 में अमेरिकी टीम के कप्तान बने
नेशनल टीम में जगह बनाने के एक साल बाद ही सौरभ अमेरिका के कप्तान बन गए। इस दौरान सौरभ ने मेजर लीग क्रिकेट यानी MLC, CPL और ILT20 में भी हिस्सा लिया। सौरभ ने 2022 में जिम्बाब्वे में ICC मेन्स टी-20 वर्ल्ड कप ग्लोबल क्वालिफायर-बी टूर्नामेंट भी खेला। यहां उन्होंने पारी में 5 विकेट लिए और एक मैच में 5 विकेट लेने वाले अमेरिका के पहले गेंदबाज बने।