जिनेवा । संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संतुलित संबोधन की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख टेड्रोस ऐडनम ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। पीएम मोदी ने आश्वासन दिया था कि भारत अपनी वैक्सीन उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल कोविड-19 से लड़ने में देशों की मदद करेगा। ऐडनम ने कहा कि महामारी को सिर्फ सबके हित के लिए संसाधनों के इस्तेमाल से हराया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर वह वैश्विक समुदाय को आश्वासन देना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि भारत की वैक्सीन उत्पादन और डिलिवरी क्षमता का इस्तेमाल इस महामारी से लड़ने में सबकी मदद के लिए किया जाएगा।
पीएम मोदी ने बताया था कि मुश्किल वक्त में भी भारत की फार्मा इंडस्ट्री ने 150 से ज्यादा देशों को जरूरी मदद पहुंचाई है। इस पर डब्ल्यूएचओ डायरेक्टर जनरल ने ट्वीट किया- 'समर्थन के समर्पण के लिए आपका धन्यवाद पीएम मोदी। सिर्फ एक साथ अपने संसाधनों को लोगों के हितों के लिए इस्तेमाल कर हम कोरोना की महामारी को खत्म कर सकते हैं।' पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र को अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है। इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली रेस्पॉन्स कहां है? वहीं, संयुक्त राष्ट्र में ग्लोबल कम्यूनिकेशन की अंडर-सेक्रटरी-जनरल मेलिसा फ्लेमिंग ने मोदी के आश्वास को 'स्वागतयोग्य खबर' बताया। यूएन के सेक्रटरी जनरल ऐंटोनियो गुतारेस ने जनरल असेंबली को अपने संबोधन में पिछले हफ्ते कहा था कि 'वैक्सिनैशनलिज्म' दुनिया के लिए बेहद खतरनाक है। गुतारेस ने ऐसे देशों को निशाने पर लिया था जो सिर्फ अपने लोगों के लिए कोविड-19 वैक्सीन के लिए डील कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि जब तक सभी सुरक्षित नहीं हो जाते, कोई भी सुरक्षित नहीं है।