अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार रात को व्हाइट हाउस में दिवाली मनाई। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक इसमें 600 से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी शामिल हुए। बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी सांसदों, अधिकारियों और बिजनेस से जुड़ी हस्तियों को संबोधित करते हुए कहा कि व्हाइट हाउस में अब तक के सबसे बड़े दिवाली कार्यक्रम की मेजबानी करना उनके लिए सम्मान की बात है।
बाइडेन ने कहा कि राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और सीनेटर रहने के दौरान उन्होंने बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी लोगों के साथ काम किया है। बाइडेन ने कहा कि दक्षिण-एशियाई अमेरिकी समुदाय ने अमेरिकी जीवन के हर हिस्से को समृद्ध किया है। यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला समुदाय है। अब दिवाली व्हाइट हाउस में गर्व से मनाई जाती है।
हालांकि, इस बार दिवाली समारोह में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन शामिल नहीं हो सकीं। बाइडेन ने कहा कि जिल और कमला यहां आना चाहती थीं, लेकिन वे कैंपेन में व्यस्त हैं।
वहीं, सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से वीडियो संदेश के जरिए दिवाली की शुभकामनाएं दीं।
अपने संदेश में सुनीता ने कहा-
इस साल मुझे अंतरिक्ष स्टेशन पर पृथ्वी से 400 किमी ऊपर दिवाली मनाने का अनोखा अवसर मिला है। मेरे पिता ने हमें दिवाली और अन्य भारतीय त्योहारों के बारे में हमेशा सिखाया और अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़े रखा। दिवाली खुशी का पल है, क्योंकि दुनिया में अच्छाई कायम है।
जॉर्ज बुश के समय व्हाइट हाउस में दिवाली शुरू
ANI के मुताबिक अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल में सबसे पहले 2003 में व्हाइट हाउस में दिवाली मनाने की परंपरा शुरू हुई। हालांकि, वह कभी निजी तौर पर इसमें शामिल नहीं हुए। साल 2009 में बराक ओबामा ने राष्ट्रपति बनने पर व्हाइट हाउस में निजी तौर पर दिवाली मनाई।
अमेरिका में 48 लाख लोग भारतवंशी
अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वे के मुताबिक अमेरिका में 54 लाख लोग भारतवंशी हैं। इसमें से 48% हिन्दू हैं। यहां 6 राज्यों के 10 जिलों में भारतीय-अमेरिकी लोगों की तादाद 6-18% हैं। कैलिफोर्निया, टेक्सास, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क, इलिनोइस में इनकी सबसे ज्यादा आबादी है।
बाइडेन प्रशासन में रिकॉर्ड 130 से ज्यादा भारतवंशी अहम पदों पर तैनात हैं। इसके अलावा अमेरिका में करीब 38% डॉक्टर भारतीय मूल के हैं। भारतीय-अमेरिकी US में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले जातीय समूह हैं।