फ्रांस आर्मीनिया को उकसा रहा: एर्दोगान
एर्दोगान ने सुझाव दिया कि आर्मीनिया को शांति पर फोकस करना चाहिए और दूसरे देशों की चाल में नहीं फंसना चाहिए। उन्होंने कहा, 'फ्रांस जो कर रहा है, वह उकसावे वाली कार्रवाई है। फ्रांस को यह जानना चाहिए वह आर्मीनिया के लिए अच्छा नहीं कर रहा है, वह नुकसान पहुंचा रहा है।' ग्रीस की राजकीय यात्रा पर पहुंचे एर्दोगान ने यह बयान दिया। उन्होंने तंज कसा कि फ्रांस ने इससे पहले भी आर्मीनिया की मदद की थी लेकिन इसका परिणाम क्या निकला। कुछ भी नहीं।इससे पहले फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने अक्टूबर महीने में आर्मीनिया की यात्रा की थी और आर्मीनिया की सेना को हथियार देने पर सहमति जताई थी। फ्रांस ने यह कदम तब उठाया था जब रूसी शांतिरक्षक सैनिकों की मौजूदगी के बाद भी अजरबैजान ने आर्मीनिया से नगर्नो कराबाख इलाका छीन लिया था। इसके बाद आर्मीनियाई मूल के 1 लाख लोगों को वहां से जाना पड़ा था जो दशकों से वहां रह रहे थे। इससे पहले भारत ने भी आर्मीनिया को पिनाक रॉकेट सिस्टम और तोपें सप्लाई करने का समझौता किया था। इससे पहले भारत ने आर्मीनिया को हथियारों को जगह बताने वाले रेडॉर की सप्लाई की है।