Select Date:

इजरायल के किनारे होते ही परवान चढ़ा सऊदी-ईरान का 'जियोपॉलिटिकल रोमांस', चीन करा रहा पुराने दुश्मनों में दोस्ती

Updated on 14-11-2024 02:01 PM
तेहरान: सऊदी अरब और ईरान को दुनिया लंबे समय से प्रतिद्वन्द्वियों की तरह देखती रही हैं लेकिन हालिया समय में दोनों के बीच मेल-मिलाप देखने को मिला है। इस मेल-मिलाप को कराने में सबसे अहम भूमिका चीन की है। दोनों देशों में इस करीबी की एक बानगी पिछले महीने देखने को मिली जब ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ मुलाकात की। इजरायल के गाजा में हमले के बाद बदले पश्चिम एशिया के हालात में सऊदी और ईरान की नजदीकी क्षेत्र के लिए बेहद अहम है।

वायनेट न्यूज की रिपोर्ट कहती है कि ईरान-सऊदी के बीच रिश्ते को बेहतर करने में चीन ने अहम रोल निभाया है, तो इजरायल की आक्रामकता भी इसकी वजह बनी है। ये संबंध सात साल की कड़वाहट से टूट गए थे, अब सावधानीपूर्वक फिर से बनाए जा रहे हैं। सऊदी की राजधानी रियाद में हाल ही में हुए अरब-इस्लामिक समिट में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन की जगह आए उनके डिप्टी ने जमकर इजरायल पर हमला बोला। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी समिट को आड़े हाथों लिया।

ईरान के नजदीक क्यों आ रहे क्राउन प्रिंस?


Ynet के साथ बातचीत में सऊदी के एक शिक्षाविद ने कहा कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान दूरदर्शी रणनीतिकार हैं। उनकी नजर हाल के साथ-साथ भविष्य पर भी है। उन्होंने हालिया इस्लामिक शिखर सम्मेलन में इजरायल के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। हालांकि इजरायली डोजियर केवल उनकी बातों से गायब है, दिमाग से नहीं। इस पर भविष्य में फिर बातचीत शुरू होगी।

प्रोफेसर फरीद का कहना है कि सम्मेलन में सऊदी की आवाज उसकी कूटनीति में एक साहसिक मोड़ को दिखाता है। यह मोड़ तेहरान और रियाद में दूतावासों के दरवाजे फिर से खोलने के साथ शुरू हुआ और लगातार जारी है। यह खतरों से भरा है लेकिन दोनों पक्ष सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं। खास बात ये है कि दोनों पक्षों के सलाहकार एक-दूसरे की कमजोरियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं।

इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज के डॉक्टर योएल गुजांस्की का मानना है कि मोहम्मद बिन सलमान आज के समय में एक बदले हुए शासक लगते हैं। उनकी ताकत भी बीते चार वर्षों में बढ़ी है। उनकी सतर्क नजर ईरान पर लगातार बनी हुई है। ये भी देखा गया कि शिखर सम्मेलन में हिजबुल्लाह और हमास महज फुटनोट थे। इसकी वजह ये है कि क्राउन प्रिंस एमबीएस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 14 November 2024
लाहौर । पाकिस्तान की लाहौर हाई कोर्ट में एक वकील ने याचिका दायर कर पूरे मुल्क में न्यूनतम भत्ता बढ़ाने की मांग की है। एडवोकेट फहमीद नवाज अंसारी का दावा है…
 14 November 2024
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को लंदन में बेइज्जती का सामान करना पड़ा है। एक अज्ञात व्यक्ति ने लंदन ग्राउंड स्टेशन पर उनके साथ धक्का-मुक्की की और 'चाकू से…
 14 November 2024
बीजिंग: चीन ने अपने झुहाई एयर शो में एक एडवांस्ड फाइटर जेट का अनावरण किया, जिसे देख पूरी दुनिया हैरान है। चीन का दावा है कि यह विमान सुपरसोनिक स्पीड से…
 14 November 2024
वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनोल्ड ट्रंप को जीत हासिल हुई है। ट्रंप ने बुधवार को अपना ‘डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस’ (DNI) चुना। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व सदस्य तुलसी…
 14 November 2024
तेहरान: सऊदी अरब और ईरान को दुनिया लंबे समय से प्रतिद्वन्द्वियों की तरह देखती रही हैं लेकिन हालिया समय में दोनों के बीच मेल-मिलाप देखने को मिला है। इस मेल-मिलाप को…
 14 November 2024
बीजिंग: ईरान की एयरफोर्स के हेड जनरल हामिद वाहेदी ने हाल ही में चीन का दौरा किया है। वाहेदी अपने चीन दौरे पर झुहाई एयर शो में भी शामिल हुए।…
 11 November 2024
इस्लामाबाद: भारत की मिसाइल क्षमता का लोहा दुनिया मानती है। भारत के पास स्वदेशी निर्मित अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलें हैं जो पूरे एशिया और यूरोप के हिस्सों तक को निशाना बना सकती है।…
 11 November 2024
वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की है। वॉशिंगटन पोस्ट ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दोनों नेताओं के बीच…
 11 November 2024
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप ने जबरदस्त जीत दर्ज की है। अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए 270 इलेक्टोरल वोट की जरूरत होती है। ट्रंप को 312 और कमला…
Advertisement